कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लगातार नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के बीच भाजपा ने यू-टर्न लिया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार (25 दिसंबर, 2019) को कहा कि एनआरसी भविष्य की बात है। उन्होंने इस बात के भी संकेत दिए कि पार्टी बंगाल में इसे लागू नहीं करेगी। खास बात है कि ठीक एक साल पहले दिपीप घोष ने अंग्रेजी अखबार द हिंदू से कहा था कि बंगाल में एनआरसी अपरिहार्य है और पार्टी ने सार्वजनिक रूप से इसकी वकालत की है।

घोष से जब इसके कार्यान्वयन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कब होगा और क्या होगा यह भविष्य की बात है। दिलीप घोष ने जलपाईगुड़ी में पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते हुई। पूर्व दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि वो बंगाल में एनआरसी करेंगे। भाजपा ने इससे समझौता नहीं किया और पार्टी कोर्ट पहुंच गई। और कोर्ट के आदेशानुसार इसे बंगाल में लागू किया गया।’

द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक एनआरसी को राजीव गांधी से जोड़ते हुए भाजपा अब इससे खुद को दूर करने और कांग्रेस पर हमला करने की कोशिश कर रही है। भाजपा सांसद दिपील घोष ने कहा कि अगर देशभर में एनआरसी की जरुरत होगी तो केंद्र सरकार इस बारे में विचार करेगी।

बता दें कि बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और आरएसएस के वरिष्ठ सदस्य घोष ने बंगाल में हमेशा एनआरसी लागू किए जाने की वकालत की। खास बात है कि पिछले महीने नवंबर में प्रदेश उपचुनाव में हार के बाद घोष ने कहा कि एनआरसी को हार के लिए जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी।

उल्लेखनीय है कि एनआरसी पर देशभर में विवाद के बाद पिछले 24 घंटे में यू-टर्न लेते हुए भाजपा अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआरसी पर अभी चर्चा करने की कहीं जररुत नहीं है क्योंकि एनआरसी कहीं विचार में नहीं है। न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में शाह से जब पूछा गया कि उन्होंने में अपने कई भाषणों में एनआरसी देशभर में लागू करने की बात कही थी। मगर साक्षात्कार में वह अपने पुराने बयानों से मुकरते हुए नजर आए।

हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित एक रैली में साफ कहा कि देश में एनआरसी लागू किए जाने पर कोई चर्चा नहीं है। उन्होंने कहा कि सूप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद असम में एनआरसी लागू की गई। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी हिंदुस्तानी को देश से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।