लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 19 की मौत हुई है। हिंसक प्रदर्शन के मामले में प्रशासन की तरफ से 327 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जबकि 1113 अरेस्ट किया गया है। इस मामले में अब प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा है कि मामले की जांच एसआईटी करेगी। प्रदर्शन के दौरान हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस जारी किये जा रहे हैं और उनकी गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है तथा संपत्ति के नुकसान का आकलन हो रहा है।

सम्भल में पुलिस ने नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिन्हित कर नोटिस जारी किये गये हैं । पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गुरूवार को संवाददाताओं को बताया कि 55 उपद्रवियों को चिन्हित किया गया है तथा 150 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किये गये हैं और चिन्हित लोगों की पहचान बताने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

अपर जिलाधिकारी कमलेश अवस्थी ने बताया कि पिछले दिनों सम्भल में हुई घटना में सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन जारी है । अब तक के आकलन में 11 लाख 66 हजार का नुकÞसान पाया गया है । अब तक 26 लोगों को चिन्हित कर उन्हे नोटिस जारी किए गए हैं । यदि वो लोग इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे तो उनकी कुर्की तक की जाएगी । पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने संभल में हुए उपद्रव के संबंध में पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि अब तक 55 लोगों को चिन्हित किया गया है जबकि डेढ़ सौ लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं, जिन्होंने दंगा फसाद गोलीबारी की थी । अब तक इस घटना में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।

उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास सर्च के दौरान अट्ठारह तमंचे, 109 कारतूस, तलवारें, चाकू बरामद किए गए हैं । अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं । साथ ही भड़काऊ वीडियो जारी करने के लिए तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं। प्रसाद ने बताया कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसर्किमयों सहित कुल 55 पुलिसकर्मी घायल हो गये थे । बहराइच में गुरूवार तक कुल 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। वीडियो फुटेज के जरिए अभी तक 95 उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है तथा बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।

पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद धारा 144 का उल्लंघन कर उपद्रव फैलाने व साजिश करने वालों को चिन्हित करने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं। पुलिस के अधिकारी लगातार वीडियो फुटेज खंगालने में लगे हुए हैं। साथ ही आईटी विशेषज्ञ घटना से पूर्व सोशल मीडिया पर वाइरल हुए संदेशों की गहन जांच कर रहे हैं। एसपी ने बताया कि पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों व खासतौर पर साजिश कर्ताओ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाय लेकिन किसी निर्दोष को परेशान न होने दिया जाय।

उन्होंने बताया कि बहराइच में हजारों प्रदर्शनकारियों ने एकत्र होकर उग्र नारेबाजी व पुलिस बल पर पथराव तो किया था लेकिन पुलिस की सक्रियता के कारण उपद्रव करने वाले ना तो कहीं आगजनी कर सके थे और न ही किसी विशेष सार्वजनिक अथवा निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुँचा सके थे। ग्रोवर ने बताया कि शहर व जिले में शांति कायम रखने के दृष्टिगत लगातार पीस कमेटी की बैठकें की जा रही हैं। लोगों को नागरिकता संशोधन अधिनियम के तमाम पहलुओं पर जानकारी दी जा रही है। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी दिन रात गश्त कर माहौल पर सतर्क दृष्टि रखे हुए है।

बीते शुक्रवार नागरिकता संशोधन अधिनियम व संभावित एनआरसी के विरोध में मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगो ने जुमे की नमाज खत्म होने के बाद सडकों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया था। पुलिस द्वारा रोकने पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव किया जिससे 10 पुलिस र्किमयों को चोटें आई थीं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, पीएसी, अर्ध सैनिक बल व आसपास के जनपदों की पुलिस को बुला लिया गया था। पुलिस को लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा था। दो दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं। दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में छ: मुकदमे दर्ज किए गए थे। 38 उपद्रवियों को 24 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया गया था। फिलहाल बीते चार दिनों में पुलिस ने पांच लोगों को और गिरफ्तार किया है।