फायरिंग में मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात करने जा रहे थे मेरठ
लखनऊ: कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा मंगलवार को मारे गए प्रदर्शनकारियों के परिजनों से मुलाकात करने मेरठ जा रहे थे, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें बॉर्डर पर ही रोक लिया। पिछले हफ्ते नागरिकता कानून को लेकर मेरठ में विरोध प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी और एक पुलिस चौकी को आग लगा दी गई थी।
सोमवार को पुलिस ने दंगाइयों की तस्वीरों के साथ पोस्टर जारी किए। "वांछित दंगाइयों" के पोस्टरों में यह भी कहा गया है कि जो लोग गिरफ्तारी के लिए जानकारी देंगे, उन्हें पुरस्कृत किया जाएगा।
इससे पहले बिजनौर जिले के नहटौर में मारे गए लोगों के परिजनों से प्रियंका गांधी ने मुलाकात की थी। बिजनौर में भी दो लोगों की मौत हो गई थी। प्रियंका ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि नागरिकता के अधिकार का किसी को सबूत मांगने का अधिकार नहीं है। यह कानून गरीबों के खिलाफ है और महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान भटकाने के लिए लाया गया है। यूपी में अभी तक हुए भारी विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने दस हजार से ज्यादा लोगों पर मामले दर्ज किए और 705 लोगों को गिरफ्तार किया।
नागरिकता कानून के विरोध में कांग्रेस ने सोमवार को राजघाट पर धरना दिया। यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका, मनमोहन सिंह समेत अन्य कई नेताओं ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि महात्मा गांधी ने भी ब्रिटिश शासकों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ ऐसा ही विरोध प्रदर्शन किया था। पार्टी ने अब बी.आर. आंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए कमर कस ली है।
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