लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि संविधान बचाने के लिए जनता सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रही है लेकिन भाजपा सरकार पुलिस के दम पर हिंसा के जरिये आंदोलनों का दमन कर रही है। हापुड़, बिजनौर, रामपुर, मेरठ, मुजफ्फरनगर, फिरोजाबाद, कानपुर, लखनऊ समेत अन्य जिले जहां पर हिंसा की खबरें आई हैं वहां पर तत्काल न्यायिक जांच होनी चाहिए। न्यायिक जांच का तर्क इसलिए क्योंकि दिल्ली में जिस तरह की पुलिस की भूमिका रही है, उत्तर प्रदेश में भी हिंसा में पुलिस की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

पूरे सूबे में अब तक करीब दो दर्जन लोग पुलिसिया हिंसा में मारे जा चुके हैं। इन सभी मामलों की भी न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होने कहा कि पुलिस की भूमिका क्या है यह बिजनौर के कप्तान के आॅडियो से पता चलता है कि किस तरह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों के दमन किये जा रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पूरे सूबे से राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ताओं की अवैध और गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तारी की जा रही है।

उन्होने प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि उ0प्र0 कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं सदफ जाफर को पुलिस ने जिस तरह बर्बर ढंग से मारा पीटा है, वह निंदनीय और आपराधिक कृत्य है। सदफ जाफर को पुलिस ने गैर कानूनी तरीके से उठाया, उनकी गिरफ्तारी की सूचना पुलिस ने 24 घण्टे तक छिपाए रखी। कांग्रेस पार्टी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती है।

उन्होने कहा कि लखनऊ में कई प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नजरबंद किया था। बाद में गैर कानूनी तरीके से उनको घर से उठा लिया, पुलिस हिरासत में उनके साथ मारपीट किया गया। उनकी गिरफ्तारी की कोई जानकारी उनके परिजनों को नहीं दी और जेल भेज दिया। हालात यह है कि अगर कोई गिरफ्तार किए गए आंदोलनकारियों के संदर्भ में कोई जानकारी चाहता है या पैरवी कर रहा है तो उसे भी पुलिसिया उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि नोटबन्दी के बाद सीएए और एनआरसी के नाम पर सरकार फिर गरीबों को लाइन में लगाना चाहती है। यह कानून संविधान विरोधी है और किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के खिलाफ संघी कानून को स्वीकार नहीं किया जाएगा।