लखनऊ: भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) व एनआरसी का शांतिपूर्ण विरोध करने वाले राजनीतिक व नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी, उत्पीड़न व जेल भेजने पर आक्रोश व्यक्त किया है. पार्टी ने उनकी अविलंब बिना शर्त रिहाई की मांग की है.
भाकपा (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव ने रविवार को कहा कि बनारस में पार्टी के केन्द्रीय कमेटी सदस्य मनीष शर्मा, वाम दलों, आइसा व अन्य संगठनों के लगभग छह दर्जन लोगों को सीएए के विरुद्ध शान्तिपूर्ण प्रर्दशन के दौरान चार दिन पहले गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. लखनऊ में रिहाई मंच के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद शोएब और मैग्सेसे पुरस्कार विजेता व गांधीवादी संदीप पांडेय को उनके घरों पर नजरबंद किया गया. बाद में शोएब, उनके संगठन के अन्य पदाधिकारियों और समाजसेवी व पूर्व पुलिस आईजी एसआर दारापुरी सहित कई लोगों की गिरफ्तारी की गई. उन्हें अभी तक छोड़ा नहीं गया है. यही नहीं, प्रदेश में विभिन्न जगहों पर विपक्ष के लोगों को घरों-दफ्तरों से उठा लिया जा रहा है और छापेमारी की जा रही है. दहशत का माहौल कायम किया जा रहा है. धारा 144 व इंटरनेटबंदी भी जारी है.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता को असहमति व प्रतिवाद का अधिकार है और सरकार को जनता की आवाज को सुनना होगा. सरकार दमन का रास्ता छोड़ कर और अभिव्यक्ति की आजादी को बहाल कर जन आकांक्षाओं का सम्मान करे.
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