चीनी, अल्कोहल बेव और पर्यटन के क्षेत्र में अस्सी मिलियन को मिला रोजगार

लखनऊ। देश में चीनी, अल्कोहल बेव और पर्यटन के क्षेत्र में बीते वर्ष लगभग अस्सी मिलियन लोगों को रोजगार मिला है। आज यहां पहले इण्डिया फाउण्डेशन ने इन क्षेत्रों में किये गये अध्ययन रिपोर्ट बिजनेस को आसान बनाने के लिये एक एकीकृत मूल्य शृंखला दृष्टिकोण को जारी करते हुये दी। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रधान सचिव संजय भूसरेड्डी की मौजूदगी में इस फाउण्डेशन की निरूपमा सौंदराजन ने पेश की गयी अध्ययन रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुये बताया कि एक एकीकृत सैक्टोरल वॅल्यू चेन एप्रोच टू ईज डूइंग बिजनेस यूपी के जीडीपी को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। सौंदराजन ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था धीमी हो गयी है और विकास को प्रोत्साहित करने के लिये लक्षित नीति उपायों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यूपी ने EODB रैंकिंग में सुधार करके 14 से 12 पर पहुंचा है लेकिन इसमें अभी और सुधार की ज़रुरत है|

इस मौके पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुये संजय भूसरेड्डी प्रधान सचिव उत्तर प्रदेश सरकार ने बताया कि राज्य ने इन क्षेत्रों में बहुत सुधार किये है और कई मायनों में यह सामने दिखायी भी दे रहा है। उन्होंने बताया कि सबसे पहले गन्ना और चीनी क्षेत्र के लिये यह गन्ना तीक्ष्गता और वसूली दर में उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी से स्पष्ट है कि जो किसानों के बीच सकारात्मक भावना का संकेत देता है। दूसरा एल्को बेव सेक्टर के कारोबार के लिये और चीनी मिलर्स के समान रूप से डिस्टिलरी की संख्या में बढ़ोत्तरी एक स्वागतयोग्य कदम है। अन्त में राज्य के राजस्व में आतिथ्य और पर्यटन के योगदान को बढ़ाने के लिये विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये बढिय़ा भोजन लाइसेन्स बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रिता किया गया है। आज पेश की गयी इस रिपोर्ट के अनुसार राज्यवार ढांचे ने ईओडीबी रैंकिंग में समग्र सुधार देखा गया है, लेकिन राज्य स्तर पर जीडीपी में सुधार करने में मदद नहीं की है। दूसरों के बीच कार्यान्वयन और इसके प्रभाव के बीच एक अन्तराल और तथ्य यह है कि समग्र सुधार जरूरी नहीं है कि क्षेत्रों में व्यापार करने में आसानी ईओडीबी और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़ोत्तरी के बीच इस डिस्कनेक्ट के कारण है।

पत्रकारों को ISWAI के चेयरमैन अमृत किरन सिंह और एक्साइज कमिश्नर पी गुरुप्रसाद ने भी सम्बोधित किया|