इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ को देशद्रोह के केस में अदालत ने मौत की सज़ा सुनाई है. यह जानकारी पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों में दी गई है. नवंबर, 2007 में देश में आपातकाल लागू कर देने के लिए पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख रहे जनरल परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने शुरू किया था. यह केस वर्ष 2013 से लम्बित था.

चीफ जस्टिस पेशावर हाई कोर्ट के देखरेख में तीन सदस्यीय विशेष अदालत ने संगीन गद्दारी के का सुरक्षित फैसला सुनते हुए परवेज़ मुशर्रफ को सजाए मौत का फैसला सुनाया, फैसला संक्षिप्त में सुनाया गया, विस्तृत फैसला 48 घंटे बाद जारी किया जाएगा| तीन में से एक जज ने सजाये मौत का विरोध किया |

लाहौर स्थित एक विशेष अदालत ने 76-वर्षीय परवेज़ मुशर्रफ को राजद्रोह के इस केस में 5 दिसंबर तक बयान दर्ज कराने का आदेश दिया था. फिलहाल दुबई में बसे हुए मुशर्रफ ने विशेष अदालत के आदेश को चुनौती दी थी, और उनकी गैरमौजूदगी में सुनवाई को स्थगित कर दिए जाने की अपील की थी. परवेज़ मुशर्रफ ने लाहौर हाईकोर्ट से आग्रह किया था कि विशेष अदालत के सुरक्षित रखे गए फैसले को तब तक के लिए निलंबित कर दिया जाए, जब तक वह कोर्ट में पेश होने लायक स्वस्थ न हो जाएं.

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की पुत्री मरियम नवाज़ ने कहा था, परवेज़ मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला शुरू करने का फैसला करते ही उनके पिता के खिलाफ साज़िश शुरू हो गई थी. भ्रष्टाचार के मामले में सात साल की कैद की सज़ा काट रहे नवाज़ शरीफ को स्वास्थ्य कारणों से ज़मानत मिल गई थी, और वह फिलहाल लंदन में इलाज करवा रहे हैं.