नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून की आग कब देखते-देखते दिल्ली पहुंच गई, पता ही नहीं चला. रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने इस कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन हिंसक हो गया और दिल्ली के कुछ इलाकों में स्थिति तब बेकाबू हो गई, जब रविवार शाम जामिया नगर से लगे सराय जुलैना के पास कुछ लोगों ने DTC की तीन बसों को आग के हवाले कर दिया. कथित तौर पर जामिया के छात्रों ने इन बसों में आग लगाई. उनके साथ कुछ और लोग भी शामिल थे. जिसके बाद दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कुछ तस्वीरें ट्वीट कर दिल्ली पुलिस पर बसों में आग लगाने का आरोप लगाया.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी बसों के अंदर जार से कुछ डाल रहे हैं. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस वीडियो से ली गई गई एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, 'ये फोटो देखिए…देखिए कौन लगा रहा है बसों और कारों में आग…यह फोटो सबसे बड़ा सबूत है बीजेपी की घटिया राजनीति का…इसका कुछ जवाब देंगे बीजेपी के नेता.'

डिप्टी सीएम ने दूसरा ट्वीट किया, 'इस बात की तुरंत निष्पक्ष जांच होनी चाहिए कि बसों में आग लगने से पहले ये वर्दी वाले लोग बसों में पीले और सफेद रंग वाली केन से क्या डाल रहे है? और ये किसके इशारे पर किया गया? फोटो में साफ दिख रहा है कि बीजेपी ने घटिया राजनीति करते हुए पुलिस से ये आग लगवाई है.'

आग लगाने के आरोप पर दिल्ली पुलिस के पीआरओ रंधावा ने कहा, 'आपको वो वीडियो पूरा देखना चाहिए. बस के बाहर आग लगी थी. पुलिस आग बुझाने के लिए बसों में पानी डाल रही थी. जब हम यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारियों को शांत करवा रहे थे तो वो हमारे ऊपर पत्थरबाजी कर रहे थे. इसे रोकने के लिए ही हमने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. ये एक असाधारण स्थिति थी. यूनिवर्सिटी के भीतर पुलिस पर पथराव हो रहा था.'

गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून का पूर्वोत्तर राज्यों में काफी विरोध हो रहा है. असम, त्रिपुरा और मेघालय में भी कई जगहों पर हिंसक प्रदर्शन हुआ. तीनों राज्यों में हालात फिलहाल काबू में हैं. कई जगहों पर इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं पर रोक लगी हुई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की थी.