नई दिल्ली: हैदराबाद में एक महिला के साथ गैंगरेप और फिर उसे जलाने के आरोपियों के पुलिस एनकाउंटर का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। वकील जीए मणि और प्रदीप कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि इस मामले में 2014 के सुप्रीम कोर्ट के ही गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। साथ ही एनकाउंट करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और कार्रवाई की भी मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि तेलंगाना में गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों के एनकाउंटर में शामिल रहने वाले पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर, जांच और कार्रवाई की जाए।

सुप्रीम कोर्ट में इसी एनकाउंटर से जुड़ी एक और याचिका भी वकील एमएल शर्मा की ओर से दायर की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त और उसी की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है। साथ ही इस याचिका में जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की चीफ स्वाति मालिवाल के खिलाफ 'न्याय प्रक्रिया से बाहर जाकर मारे जाने' को समर्थन देने के लिए कार्रवाई की मांग की गई है।

दूसरी ओर तेलंगाना हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार को आरोपियों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उनके शवों को नौ दिसंबर रात आठ बजे तक सुरक्षित रखने के निर्देश शुक्रवार को दिए। हाई कोर्ट ने यह आदेश मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को मिले एक प्रतिवेदन पर दिया, जिसमें घटना पर न्यायिक हस्तक्षेप की मांग की गई थी।

इसमें आरोप लगाया गया है कि यह न्यायेतर हत्या है। हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी आरोपियों के शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद उसका वीडियो सीडी में अथवा पेन ड्राइव में महबूबनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश को सौंपा जाए।