आईएनएक्स मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दे दी है। चिदंबरम ने उनकी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के 15 नवंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी। जस्टिस आर भानुमति की पीठ ने 28 नवंबर को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी की थी। चिदंबरम पर यह मामला ईडी से जुड़ा है। इससे पहले उनको सीबीआई से जुड़े केस में जमानत मिल चुकी है। अगस्त में कांग्रेस नेता को हिरासत में लिया गया था, जिसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया। यानी पिछले 106 दिनों से चिदंबरम हिरासत में ही हैं।

कोर्ट ने चिदंबरम को 2 लाख के निजी मुचलके और बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पी चिदंबरम को निर्देश दिया कि वे एक ही राशि के 2 जमानत के साथ 2 लाख रुपये की जमानत राशि प्रस्तुत करें। शीर्ष अदालत ने कहा कि चिदंबरम अदालत की पूर्व अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे और न ही गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगे और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करेंगे। साथ ही उच्चतम न्यायालय ने पी.चिदंबरम के इस मामले के संबंध में मीडिया में साक्षात्कार देने या किसी तरह का बयान देने पर भी रोक लगाई।
कांग्रेस के 74 वर्षीय नेता की जमानत अपील पर सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने दावा किया था कि पूर्व वित्त मंत्री हिरासत में होने के बावजूद महत्वपूर्ण गवाहों पर अपना प्रभाव रखते हैं जबकि पूर्व वित्त मंत्री का कहना था कि जांच एजेंसी इस प्रकार के निराधार आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा और करियर बर्बाद नहीं कर सकती है। मेहता का कहना था कि जांच के दौरान निदेशालय ने 12 बैंक खातों की पहचान की है जिनमें इस अपराध से मिली रकम जमा की गई और एजेंसी के पास ऐसी 12 संपत्तियों का भी ब्योरा है जिन्हें कई दूसरे देशों में खरीदा गया है।

दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। उन्हें ईडी ने 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी थी। इस दौरान चिदंबरम की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने कहा था, “ऐसा लगता है जैसे मैं कोई रंगा बिल्ला हूं। अगर मुझे जमानत पर रिहा नहीं किया जाता है, तो यह इस देश को एक गलत संदेश देगा।” बता दें कि रंगा और बिल्ला मुंबई के दो खतरनाक अपराधी थे जो आर्थर रोड जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली आ गए थे। उन्होंने अगस्त 1978 में दो किशोरों का अपहरण कर उन्हें बर्बरता से मार डाला था।

दिल्ली हाई कोर्ट ने नवंबर में आईएनएक्स-मीडिया से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली हाई कोर्ट की एकल पीठ ने राहत प्राप्त करने की चिदंबरम की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और यह मामला उन्हें जमानत देने के लिए सही नहीं है।

चिदंबरम के वित्त मंत्री पद पर रहने के दौरान आईएनएक्स मीडिया समूह को 2007 में विदेशों से 305 करोड़ रुपये प्राप्त करने के लिए विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी में कथित अनियमियतताओं को लेकर सीबीआई ने 15 मई 2017 को यह मामला दर्ज किया था। इसके बाद ईडी ने इस सिलसिले में 2017 में मनी लॉन्ड्रिंग का एक मामला दर्ज किया। कांग्रेस नेता को पहली बार 21 अगस्त को आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था, लेकिन दो महीने बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी।