नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह आज यानी मंगलवार को राज्यसभा में विशेष सुरक्षा समूह (संशोधन) विधेयक, 2019 पास हो गया।राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने एसपीजी बिल पेश करते हुए कहा कि यह सच नहीं है कि हमने केवल गांधी परिवार को ध्यान में रखकर एसपीजी बिल लाया है। इस बिल को लाने से पहले ही खतरे के आकलन करके गांधी परिवार से सुरक्षा वापस ले ली गई थी। इससे पहले यह बिल लोकसभा में पारित हो चुका है। लोकसभा में भी चर्चा के दौरान कांग्रेस सहित कई विपक्षी पार्टियों ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

इस बिल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एसपीजी एक्ट में यह 5वां संशोधन है। यह विधेयक गांधी परिवार को ध्यान में रखकर नहीं लाया गया है, लेकिन एक बात जो मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं, वह यह है कि पिछले 4 संशोधन केवल एक परिवार को ध्यान में रखकर किए गए थे।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा गांधी परिवार के तीन सदस्यों को उन कर्मियों द्वारा सुरक्षा कवच दिया जा रहा है जो पहले एसपीजी का हिस्सा थे। शाह ने कहा कि सिर्फ गांधी परिवार की सुरक्षा की बात क्यों? गांधी परिवार सहित 130 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी।

इससे पहले 27 नवंबर 2019 को लोकसभा में एसपीजी संशोधन बिल लोकसभा से पारित हो गया है। इस बिल के अनुसार प्रावधान है कि प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्य जो उनके साथ आधिकारिक निवास पर रह रहे हों, उन्हें ही पांच साल के लिए एसपीजी सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ये सुरक्षा उस दिन से मिलेगी जिस दिन से प्रधानमंत्री अपना कार्यभार संभालेंगे।

लोकसभा में विधेयक पर बहस की शुरुआत करते हुए अमित शाह ने कहा था कि एसपीजी प्रधानमंत्री और उनके परिवार के साथ उनके तत्काल निवास पर रहने वाले परिवार के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करेगा। शाह ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की सुरक्षा में बदलाव के बारे में राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि पहले एक परिवार को ध्यान में रखते हुए संरक्षण अधिनियम में बदलाव किए गए थे।

शाह ने कहा था कि वार्षिक आकलन के बाद गांधी परिवार के सदस्यों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है और सुरक्षा में बदलाव भी अधिनियम के दायरे में किया गया है। उन्होंने कहा था कि सुरक्षा को खतरे की धारणा के आकलन के आधार पर एसपीजी से बदल दिया गया है और समीक्षा दो बार की गई और पाया गया कि एएसएल पर्याप्त है।

एसपीजी संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में कांग्रेसी सांसद मनीष तिवारी ने सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने इस बिल को राजनीति से प्रेरित बताया था।

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से एसपीजी नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गई है, जिसके बाद इस मामले पर कांग्रेस की ओर से जबरदस्त हंगामा किया गया था। सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी को अभी तक एसपीजी सुरक्षा मिलती थी लेकिन अब इनकी सुरक्षा सीआरपीएफ के हाथ में चली गई है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को सदन में कहा कि 1991-94 में इसमें संशोधन हुआ, उसके बाद भी कई बार संशोधन हुआ। गृह मंत्री बोले कि संशोधन होने के बाद जो एक्ट बनेगा, उसके बाद प्रधानमंत्री और उनके परिवार के सदस्यों के लिए उपलब्ध होगा, जो प्रधानमंत्री आवास पर रहते हैं, उन्हें ये मिलेगा। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि के लिए एसपीजी सुरक्षा मिलेगी।

पुराने कानून में कहा गया है कि अगर किसी पूर्व प्रधानमंत्री से एसपीजी सिक्यॉरिटी वापस ली गई तो उनके पारिवरिक सदस्यों के साथ भी एसपीजी नहीं रहेगी। बशर्ते पारिवारिक सदस्यों को उस स्तर का खतरा नहीं हो जिसके लिए एसपीजी सिक्यॉरिटी जरूरी हो।