लखनऊ: आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ किछौछवी ने बताया कि 09 दिसम्बर को मख्दूम शाहमीना के आस्ताने पर जश्न-ए-गौसुल वरा का आयोजन किया जाएगा। जश्न-ए-गौसुल वरा के उपरान्त जुलूस-ए-गौसिया निकला जायेगा जो मख्दूम शाहमीना के आस्ताने से निकलकर मेडिकल कालेज स्थित आस्ताना हाजी हरमैन शाह तक जाएगा, जुलूस-ए-गौसिया की वापसी के उपरान्त लंगर का आयोजन किया जाएगा जुलूस की कयादत काज़ी-ए-शहर मुफती अबुल इरफान मियाँ फिरंगी महली करेगे।

अयूब अशरफ किछौछवी ने कहा कि हज़रत पीर अब्दुल कादिर ज़िलानी कि याद में मनाये जाने वाले इस जुलूस व जश्न का मकसद उनकी तालिमात को आम करना उन्होने अपनी ज़िन्दगी में चाहे व किसी भी शोब-ए-हयात से ताल्लुक रखते हो उसमें बेमिसाल कारनामों को अन्जाम दिया अगर माँ के हुक्म की बात कही जाए तो उन्होंने डाकुओं के सामने भी झुठ बोलना पसन्द नही किया और इल्में दीन हासिल करने के लिए फाकाकशी बर्दाशत करते हुए इल्म की दौलत हासिल की अपने दौर में उठने वाले तमाम फितनों का जवाब अपनी इल्मी बसिरत का नायाब नमुना एख्तियार करते हुए दुनिया-ए-इस्लाम को एक मशाल-ए-राह बनाकर पेश किया आज दुनिया-ए-इस्लाम उनकी किरदारो अमल की मिसाल पेश करती है। शैतान भी उनके इल्मों हिकमत का जवाब सुनकर ज़लील होगा। बड़े पीर साहब ने फरमाया कि इन्सान खुद सैर होकर खाता है मगर उसका पड़ोसी भुखा रहता है और वह यह दावा करता है कि वह मोमिन हैं|

इस मौके पर मुफ़्ती जाकिर हुसन, कारी अनुलहक, कारी अब्दुस सुबहान, कारी गुलाम सुब्हानी, ताज मोहम्मद, शादाब खान, मोहम्मद अफज़ल, सरवर चिश्ती, मोहम्मद हसन, सैयद जुनैद अशरफ, सैयद हुसैन अशरफ, नदीम अहमद, सरफराज मुस्तफा खान यूथ महासचिव आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन आदि मौजूद थे।