गहलोत बोले- नेगेटिव सोच के कारण भाजपा का ग्राफ नीचे आ रहा है
नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि भाजपा की सोच पॉजिटिव ना होकर नेगेटिव होने के कारण उसका (भाजपा का) ग्राफ नीचे आ रहा है। गहलोत ने यहां एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से कहा कि भाजपा की सोच पॉजीटिव नहीं होकर नेगेटिव है, उसकी तकलीफ पूरे देश को है, इसलिये धीरे धीरे वे एक्सपोज हो रहे हैं और ज्यादा होंगे।
उन्होंने कहा,‘‘ 'इनका (भाजपा का) ग्राफ नीचे आ रहा है, लोग समझ जाएंगे कि यह खाली वही बातें कहते हैं जो राष्ट्र वादियों को अच्छी लगती है, भला राष्ट्रवादी कौन नहीं है? राष्ट्रवादी सभी हैं, उस पर भी आप डिवीजन करो, यह काम यही करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि 'इनकी (भाजपा की) पॉजिटिव सोच नहीं हो करके नेगेटिव सोच है, उनकी तकलीफ पूरे देश को है इसीलिए वे एक्सपोज हो रहे हैं धीरे-धीरे, एक्सपोज हो रहे हैं एक्सपोज और ज्यादा होंगे।'
गहलोत ने देश की आर्थिक मंदी पर अखबारों में छपे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के लेखों का जिक्र करते हुए कहा कि देश की जीडीपी और आर्थिक विकास दर रुक गई है, पीछे चली गई है। देश के राजकोषीय घाटे की तो हालात खराब है, अब भी अगर सरकार को समझ नहीं आएगी, वह कदम नहीं उठाएगी तो पता नहीं, देश का क्या होगा।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के वक्त में मनमोहन सिंह जी ने जो कहा था हूबहू सही साबित हो रहा है। व्यापार धंधे ठप हो रहे हैं और नौकरियां जा रही है आ नहीं रही हैं, तो आप सोच सकते हैं…… निर्यात में झटका लग गया है कम होने लगा है तो तमाम उद्योग चाहे वह वस्त्र उद्योग हो, डायमंड उद्योग चाहे वह अन्य उद्योग हो… निर्यात को धक्का लगा है तो चारों ओर से लोगों में हाहाकार मचा हुआ है अब तो सरकार को मैं समझता हूं कि चेतना चाहिए।'
इससे पूर्व गोविंददेव जी मंदिर में मंदिर ट्रस्ट की ओर से सरकारी संस्कृत विद्यालयों के विद्यार्थियों को निशुल्क गर्म वस्त्र वितरित कर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गहलोत ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा जरूरतमंद व्यक्ति का अधिकार है और राज्य सरकार प्रत्येक पात्र व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत देववाणी है और राजस्थान में संस्कृत के उच्च कोटि के विद्वान हुए हैं। राज्य सरकार ने संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए सदैव प्रयास किए हैं। राज्य में करीब 2 लाख विद्यार्थी संस्कृत विषय का अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट की नई वेबसाइट का लोकार्पण एवं पोस्टर का विमोचन भी किया।