नई दिल्ली: उद्योगपति राहुल बजाज ने आज कहा कि मोदी सरकार की खुलेआम आलोचना करने से देश का आम नागरिक डरता है और वे नहीं जानते कि सरकार आलोचना को सही मायनों में समझेगी. एक अंग्रेजी अखबार के अवार्ड फंक्शन के दौरान मंच पर बैठे हुए गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रेल मंत्री पीयूष गोयल की मौजूदगी में बजाज ने कंपित और भर्राती हुई आवाज में कहा, ''ये माहौल है… वो हमारे मन में है. कोई बोलेगा नहीं. कोई बोलेगा नहीं हमारे इंडस्ट्रियलिस्ट में. मैं यह खुलेआम कह रहा हूं. एक माहौल तैयार करना पड़ेगा. यूपीए-2 सरकार में हम किसी को भी गाली दे सकते थे. आपके खिलाफ बोलने से लोग डरते हैं. आप अच्छा काम कर रहे हैं, तो फिर लोगों को बोलने की आजादी क्यों नहीं?''

उन्होंने कहा, ''आप अच्छा काम कर रहे हैं, पर अगर हम आपकी खुलेआम आलोचना करना चाहते हैं, तो इस बात का भरोसा नहीं है कि आप उसे बर्दाश्त करेंगे. मैं गलत हो सकता हूं. लेकिन, हर कोई इस बात को महसूस करता है. मुझे यहां यह बात कहनी नहीं चाहिए. (वहां मौजूद उद्योगपतियों समेत दूसरी हस्तियों की ओर हाथ दिखाकर…) यहां हंस रहे हैं लोग… कि चढ़ जा बेटा सूली पर. उन्होंने यह भी कहा, ''मैं यहां किसी का स्तुतिगान करने नहीं आया हूं. आप इसे पसंद नहीं करेंगे, लेकिन मेरा नाम (राहुल) जवाहरलाल नेहरू ने रखा था.''

इस पर मंच पर बैठे शाह ने जवाब दिया, ''किसी को डरने की जरूरत नहीं है…'' इसके बाद राहुल बजाज ने भोपाल से भाजपा की सांसद और मालेगांव धमाके की अभियुक्त प्रज्ञा ठाकुर का उल्लेख किया और इस बात को रेखांकित किया कि सत्तारूढ़ भाजपा ने उसे टिकट दिया, जिताया. आपके समर्थन से ही वह जीती. फिर रक्षा संबंधी कमेटी में ले आए. प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि उसे मन से माफ नहीं कर पाउंगा.

उन्होंने कहा, ''मैं मंत्रियों से गोडसे को लेकर प्रज्ञा ठाकुर के बयान के बारे में पूछता हूं… क्या कोई शंका है कि वह आतंकवादी था, जिसने महात्मा गांधी की हत्या की थी?'' इसके जवाब में शाह ने कहा, ''हमने प्रज्ञा ठाकुर के बयान की निंदा की थी.''