लखनऊ: हज़रत ख्वाजा मुहम्मद नबी रज़ा शाह अल्मारुफ दादा मियाँ रहमतुल्लाह अलैह के 112 वें उर्स पाक का पाँचवा व अखिरी दिन था। आज सुबह 6 बजे दरगाह शरीफ पर क़ुर्आन ख्वानी हुई जिसमे भारी संख्या में जाएरीन हज़रात व मेहमान हज़रात ने शिरकत की।

दिन में 10.30 बजे इस साल का दूसरा क़ुल शरीफ़ हुई। जिसमें मौलाना तौकीर रज़ा खाँ, ज़ाहिद रज़ा मिस्बाही पूर्व चेयर मैन मदरसा बोर्ड उत्तराखण्ड, और शहर की कई बडी हस्तियों ने शिरकत की। क़ुल शरीफ़ का सिलसिला दिन में 1 बजे तक चला जिसके बाद रंगे महफिल का आयोजन हुआ जिसमें उर्से पाक में आए हुए सभी मेहमान हज़रात ने रक्स किया और एक दूसरे को मुबारकबाद पेश की।

शाम को 3 बजे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी ने दरगाह शरीफ पर सज्जादानशीन मुहम्मद सबाहत हसन शाह के साथ चादर पेश की और देश प्रदेश की तरक्की के लिए दुआ माँगी। उन्होने कहा की दादा मियाँ की दहगाह हर आमो खास के लिए खुली है यहाँ पर लोगों की मन्नते पूरी होती हैं। सूफ़ी संतो के दरबार से हमें आपसी भाईचारगी का संदेश मिलता है। सूफ़ी संतो की दरगाहें सामप्रदायकता व सौहार्द का प्रतीक हैं। जिसकी आजकल के समाज में बहुत ज़रूरत हैं। उन्होने दरबार शरीफ़ में हाज़िरी करने के बाद सज्जादानशीन मुहम्मद सबाहत हसन शाह का आशीर्वाद प्राप्त किया।

रात 9 बजे एक आल इण्डिया ग़ैर तरही मुशाएरे व कवि सम्मेलन का आयोजन होगा जिसमें मशहुर शोराए किराम ने शिरकत की। शिरकत करने वाले शाएरों में रिज़वान फ़ारुकी, संजय मिश्रा शौक, वासिफ़ फ़ारुक़ी, रहमत लखनवी, जमील अहमद जमीद, आदि के नाम शामिल हैं।