नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने रविवार को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाले लोगों पर विवादित टिप्पणी कर डाली। केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में अभी केवल अराजकतावादी, अर्बन नक्सल और नास्तिक जा रहे हैं और ये सिद्ध करना चाहते हैं कि ये लोग भगवान अयप्पा के दर्शन करने गए थे। केंद्रीय मंत्री ने ऐसे लोगों की पहचान की जानी चाहिए कि ये वाकई में श्रद्धालु भी हैं या नहीं।

वी मुरलीधरन ने कहा, “अभी जो लोग मंदिर जा रहे हैं, वे अर्बन नक्सल, अराजकतावादी और नास्तिक हैं। मुझे नहीं लगता कि वे श्रद्धालु हैं। वे साबित करना चाहते हैं कि हम सबरीमाला मंदिर जा चुके हैं। ये लोग वास्तव में श्रद्धालु हैं, इसकी पड़ताल होनी चाहिए।” इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की लेफ्ट डेमोक्रेटिक (LDF) की सरकार सबरीमाला की प्रथा को बरकरार रखने के लिए दवाब में है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला देना अभी बाकी है और जबकि सभी का मत है कि सबरीमाला की प्रथा बरकरार रहनी चाहिए। केरल की सरकार इसी बात को ध्यान में रखकर कदम उठा रही है और दबाव में काम कर रही है।” गौरतलब है कि त्योहारी सीजन को देखते हुए सबरीमाला मंदिर के कपाट दो महीने के लिए खोल दिए गए हैं। रविवार को देवस्वोम बोर्ड मंत्री कडकमपल्ली सरेंद्रन ने कहा कि श्रद्धालु बिना किसी भय के मंदिर पहुंच रहे हैं।

इसके पहले सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने अपने 3:2 के फैसले के तहत सबरीमाला मंदिर और अन्य धार्मिक स्थलों पर महिलाओं के प्रवेश के मामले को 7 सदस्यीय जजों वाली बड़ी बेंच को भेज दिया। इस दौरान 28 सितंबर 2018 के फैसले पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। यानी 2018 के फैसले के मुताबिक सबरीमाला मंदिर में 10 और 50 साल के बीच आयु वर्ग वाली महिलाएं प्रवेश हासिल करने का अधिकार रखती हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को जबरन रोकने की कोशिश की गई। कई महिलाओं को जबरदस्ती प्रवेश से रोक दिया गया। जबकि, कुछ महिलाएं यदि मंदिर में गई भीं, तो सामाजिक रूप से उनका बहिष्कार भी किया गया।