नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है, जिसे लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने अपने पार्टी के नेताओं से कहा है कि वे अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को बेनकाब करें।

पूर्व वित्तमंत्री ने सोमवार को अपने परिवार के जरिए ट्वीट के माध्यम से कहा है, ‘आज जब संसद शुरू हो, तब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विपक्ष के तौर पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन को बेनकाब करे’। उन्होंने आगे कहा, ‘अर्थव्यवस्था का कौन-सा पहलू सही काम कर रहा है? कोई भी नहीं’। बता दें कि आईएनएक्स मीडिया मामले में कथित संलिप्तता के कारण चिदंबरम न्यायिक हिरासत में हैं, जिससे वे संसद के 250वें सत्र में भाग नहीं ले पाएंगे। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री और प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह राज्यसभा में अर्थव्यवस्था पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। विपक्षी दल जहां आर्थिक सुस्ती और कश्मीर में स्थिति को लेकर केंद्र को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं, सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक समेत तमाम बिल पारित कराना चाहेगी। इसे लेकर गर्मागर्म बहस होने के आसार हैं। संसद का शीतकालीन सत्र 13 दिसंबर तक चलेगा।

इससे पहले संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों से आह्वान किया कि सदन में पारित होने वाले बिल के लिए सिर्फ ट्रेजरी बेंच को ही श्रेय नहीं जाना चाहिए। प्रत्येक विधायी काम के लिए श्रेय के हकदार सभी सांसद होते हैं। मानसून सत्र इस लिहाज से अभूतपूर्व रहा है, जिसके लिए समस्त सदन बधाई की हकदार है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 का यह आखिरी सत्र है, जिसे अभूतपूर्व बनाने के लिए सभी को एक साथ आना होगा। यह सत्र काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राज्यसभा का भी 250वां सत्र है। सरकार इसके महत्व को समझते हुए सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।

कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री और सत्तासीन भाजपा आम लोगों से जुड़े मुद्दों को चर्चा के लिए बढ़ाएंगे। संसद चर्चा, वाद-विवाद और बातचीत के लिए ही बनी है। यह सरकार पर निर्भर करता है कि वे सदन को सुचारू रूप से चलाएं, ताकि विपक्षी पार्टियां अपने विचार और राय सही ढंग से प्रकट कर सकें। यही संसदीय लोकतंत्र की महक है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा- हम सदन में अपनी पार्टी के नेताओं से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का मुद्दा उठाएंगे। मोदी सरकार का गांधी परिवार समेत पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा कम करना राजनीतिक बदले से प्रेरित है। केंद्र सरकार ने उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला लिया था।

इसके अलावा कांग्रेस संसद में जम्मू-कश्मीर के हालात और नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला समेत अन्य नेताओं को हिरासत में रखे जाने को लेकर सरकार से जवाब मांगेगी। सभी नेता 5 अगस्त के बाद से ही नागरिक सुरक्षा कानून के तहत नजरबंद हैं।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने मांग की है कि पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को संसदीय कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति दी जाए। आजाद ने कहा- पहले भी सांसदों पर मामले लंबित होने के दौरान उन्हें संसद आने की इजाजत मिलती रही है। चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया घोटाले में फिलहाल तिहाड़ में बंद हैं।

सरकार की ओर से रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें 27 दलों के नेता शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार नियमों के अनुसार सभी मुद्दों पर बहस को तैयार है। संसद में सकारात्मक चर्चा नौकरशाहों को सचेत रखती है। इससे पहले, शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बैठक में नेताओं को आश्वस्त किया कि सभी को बात रखने और उनके उठाए मुद्दों पर सदन में चर्चा कराने की हरसंभव कोशिश की जाएगी।