कोलकाता: अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने म्यांमार के रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुसलमानों के विरुद्ध म्यांमार सरकार और सेना के अपराधों की जांच पर सहमति व्यक्त कर दी है।

फ़्रांस प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के न्यायधीशों ने गुरुवार को कहा कि इस जांच प्रक्रिया में अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुसलमानों के विरुद्ध अपराध विशेषकर हिंसक कार्यवाहियों और उनको म्यांमार से निकाले जाने के विषय शामिल होंगे जो मानवता के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के जजों के बयान में आया है कि न्यायालय ने म्यांमार में संभावित अपराधों की जांच के बारे में निर्देश दिए हैं।
म्यांमार की सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को देश का नागरिक नहीं मानती।

लगभग पांच लाख रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार के राख़ीन प्रांत में बाक़ी बचे हैं और म्यांमार की सेना और कट्टरपंथी बौद्धों के हमलों के कारण दयनीय जीवन व्यतीत कर रहे हैं और उनके पास पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थ भी नहीं हैं।