मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना, कांगेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की तीन दलों की गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के पास रहेगा। राकांपा के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक ने यह जानकारी दी।

विधानसभा के लिए 21 अक्टूबर को हुए चुनाव शिवसेना ने ‘महायुति’ (गठबंधन) के तहत भाजपा के साथ मिलकर लड़ा था। 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में दोनों दलों को 161 सीटें मिलीं थी। दोनों दल मिलकर सरकार बना सकते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के समझौते को लेकर चली रस्साकशी में दोनों दलों का चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया।

शिवसेना फिलहाल राज्य में सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ मिलकर साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करने में जुटी है। सीएमपी तीनों दलों के गठबंधन वाली सरकार के फैसलों/कदमों को निर्देशित करेगी। मलिक ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर ही उसने महायुति छोड़ा है। उनकी भावनाओं का सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी है।’’

सूत्रों ने बताया कि संभवत: तीनों दल सरकार का हिस्सा होंगे और किसके हिस्से में कौन सा मंत्रालय आएगा इसे लेकर बातचीत चल रही है। पहले संभावना बन रही थी कि कांग्रेस सरकार को बाहर से समर्थन देगी। इसका अर्थ यह हुआ कि पार्टी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होती।

राकांपा के सूत्रों ने कहा, ‘‘स्थिरता बना रखने के लिए कांग्रेस का सरकार का हिस्सा होना जरुरी है।’’ चुनावों के बाद भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। वहीं 56 सीटों के साथ शिवसेना दूसरे स्थान पर रही। राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। राज्य में बहुमत की सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी या गठबंधन के पास कम से कम 145 विधायक होने चाहिए। राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है।