नई दिल्ली: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान के बीच पहला बयान गृहमंत्री अमित शाह ने बयान दियाहै। उन्होंने कहा कि 18 दिन का समय कम नहीं है। शाह ने कहा इससे समय पहले किसी भी राज्य में नहीं दिया गया था।

उन्होंने कहा 'राज्यपाल ने विधानसभा कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही पार्टियों को आमंत्रित किया। सरकार बनाने को लेकर ना तो हमने दावा किया, ना शिवसेना और ना ही कांग्रेस और एनसीपी ने। अगर आज भी किसी पार्टी के पास संख्या है तो वह राज्यपाल से संपर्क कर सकती है। हमें शिवसेना की शर्तें मंजूर नहीं हैं।

इसके साथ ही शाह ने कहा कि राज्यपाल ने कदम को उचित बताया है। उन्होंने कहा राष्ट्रपति शासन से सिर्फ बीजेपी का नुकसान हुआ है। शिवसेना की शर्तें हमें मंजूर नहीं थीं। ये पहले से था कि बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार आती है तो देवेंद्र फडनवीस ही सीएम होंगे।'

राष्ट्रपति शासन मंगलवार शाम में लागू हुआ जब राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर कहा कि उनके तमाम प्रयासों के बावजूद वर्तमान स्थिति में एक स्थिर सरकार का गठन असंभव है। महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले महीने हुए चुनाव में भाजपा 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी थी। शिवसेना ने 56 सीटें, राकांपा ने 54 सीटें और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं। चुनाव परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित हुए थे।