मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि भाजपा अगर महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद साझा करने का वादा पूरा नहीं करना चाहती तो गठबंधन में बने रहने को कोई मतलब नहीं है।महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के शिवसेना को सरकार बानने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित करने के एक दिन बाद राउत ने पत्रकारों से कहा, भाजपा '50:50' के फार्मूले का पालन नहीं करके जनादेश का ''अपमान कर रही है। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले इस पर निर्णय ले लिया गया था।

उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा 'पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बना सकती है तो शिवसेना महाराष्ट्र में राकांपा और कांग्रेस के साथ क्यों नहीं।राज्यसभा सदस्य ने कहा, '' भाजपा का यह अहंकार कि वह विपक्ष में बैठ लेगी लेकिन मुख्यमंत्री पद साझा नहीं करेगी, के कारण ही मौजूदा स्थिति उत्पन्न हुई है… अगर भाजपा अपना वादा पूरा करने को तैयार नहीं है, तो गठबंधन में रहने का कोई मतलब नहीं है।

राउत ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कम समय मिलने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए 72 घंटे मिले, हमें 24 घंटे दिए गए।राउत ने कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से राज्य के हित में साथ आने की अपील की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस, राकांपा को मतभेद भूल कर महाराष्ट्र के हित में एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के साथ आना चाहिए।

राउत ने कहा, '' शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस महाराष्ट्र के हित की रक्षा पर सहमत हैं। भाजपा के रविवार को सरकार बनाने से इनकार करने के कुछ घंटों बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित किया था। शिवसेना एक ओर जहां राकांपा और कांग्रेस से संपर्क साध रही है वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी राकांपा ने रविवार को कहा कि शिवसेना को पहले राजग से अलग होना होगा।

इस बीच, केन्द्रीय भारी उद्योग मंत्री एवं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने सोमवार को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार से अलग होने की घोषणा की। मोदी मंत्रिमंडल में शिवसेना के इकलौते मंत्री ने टि्वटर पर अपने फैसले की घोषणा की।