नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने उनसे कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहने के लिए कहा है। इस्तीफे के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फड़नवीस ने मौजूदा सियासी संकट के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले पर मेरे सामने कभी कोई फैसला नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और नितिन गडकरी से भी इस बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने भी इस तरह के किसी भी फैसले से इनकार किया।

वहीं, फड़नवीस के आरोपों का जवाब देते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि फड़नवीस झूठ बोल रहे हैं और मैं इस तरह का झूठ बर्दाश्त नहीं कर सकता। भाजपा से बातचीत बंद करने के मसले पर उन्होंने कहा कि संवाद इसलिए रूक गया था कि उन्होंने हमें झूठा साबित करने की कोशिश की।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान फड़नवीस ने कहा कि चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। भाजपा की जीत का स्ट्राइक रेट 70 फीसदी रहा। उन्होंने कहा, “हमने सरकार को पारदर्शिता से चलाने की पूरी कोशिश की। सरकार बनाने के सारे विकल्प हमारे पास खुले हैं।” शिवसेना के बारे में उन्होंने कहा, “मैंने अपने पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना और उद्धव ठाकरे का शुक्रिया अदा किया था। महाराष्ट्र की जनता ने गठबंधन को जनादेश दिया। ढाई साल के लिए शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने का कोई निर्णय नहीं लिया गया था। मेरे सामने ऐसा फैसला नहीं हुआ था, अगर ऐसा फैसला अमित शाह के साथ हुआ हो तो यह उन्हें पता नहीं है। मेरे सामने कभी ढाई साल की बात नहीं हुई।”

फड़नवीस की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकर ने उनके सारे आरोपों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि फड़नवीस ने पांच साल के कार्यकाल के कामों का सारा श्रेय खुद लिया। जनता जानती है कि कौन सही और कौन गलत। मुख्यमंत्री पद की अदली-बदली पर उन्होंने कहा, “फड़नवीस मुझ पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि अमित शाह की मौजूदगी में सत्ता समान रूप से साझा करने की बात पर सहमति बनी थी।” ठाकरे ने कहा कि शिववसेना का सीएम होने के सपने को पूरा करने के लिए मुझे किसी की मदद की जरूरत नहीं है। मैंने बालासाहब ठाकरे को वादा किया था कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा। अगर भाजपा अपना वचन नहीं निभा सकती, तो मुझे अपने वादों को पूरा करने के लिए उसकी मदद की जरूरत नहीं है।

ठाकरे ने कहा कि अगर वे कहते हैं कि मैं झूठा हूं, तो यह मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। अगर आगे वे फिर झूठ कहते हैं, तो उनके साथ कोई रिश्ता नहीं रखूंगा। उन्होंने कहा, “भाजपा शिवसेना को झूठा साबित करने की कोशिश कर रही है, जो स्वीकार्य नहीं है। जहां तक मोदीजी पर टिप्पणी की ही बात है, तो दुष्यंत चौटाला ने काफी कुछ कहा है और मैंने मोदी जी पर कोई टिप्पणी नहीं की।”