नई दिल्ली: बहुचर्चित अयोध्या भूमि विवाद मामले पर सुनवाई पूरी होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट शनिवार को अपना फैसला सुना सकता है। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को 40 दिनों की मैराथन सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शनिवार को अयोध्या भूमि विवाद मामले पर फैसला आने की उम्मीद है। शीर्ष अदालत द्वारा सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाने की संभावना है।

इससे पहले देश भर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार की ओर से हलचल भी तेज दिखी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने शुक्रवार को उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और अन्‍य वरिष्‍ठ अफसरों के साथ मुलाकात की। सीजेआई ने राज्य के दोनों आला अधिकारियों से सुरक्षा संबंधित तैयारियों की जानकारी ली। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और चीफ सेक्रेट्री राजेंद्र तिवारी दोनों आज यानी शुक्रवार को ही दिन में सीजेआई रंजन गोगोई से मिले।

इसे देखते हुए सभी राज्यों की सरकारों ने सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है। इसके लिए गृह मंत्रालय ने सभी राज्‍यों को सुरक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार को अयोध्या में सभी सुरक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए है।

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अयोध्‍या मामले में फैसले के मद्देनजर एक सामान्य सलाह दी गई है। अधिकारी ने बताया कि राज्यों को सभी संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात करने को कहा गया है। यह सुनिश्चित करने को भी कहा गया है कि देश में कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो।

अयोध्या पर आने वाले फैसले से पहले, हर तरह से सतर्कता बरती जा रही है। आरपीएफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। 78 रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अयोध्या में पैरा मिलिट्री की कई कंपनियां तैनात की गई हैं। अयोध्या में 20 अस्थाई जेल बनाए गए हैं और 300 स्कूलों को सुरक्षा बलों के लिए रिजर्व किया गया है। इसके अलावा 30 बम निरोधक दस्ते भी तैनात किए गए हैं।

इसके अलावा गृह मंत्रालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने में राज्य सरकार की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश में अर्धसैनिक बलों की 40 कंपनियां (प्रत्येक में लगभग 100 कर्मी) मुहैया कराई हैं। अयोध्‍या पर नेताओं से भी अनर्गल बयानबाजी न करने को कहा गया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सभी मंत्रियों को अयोध्या मामले में अनावश्यक बयान देने से बचने को कहा है।