पटना: बिहार के विभिन्न इलाकों में रविवार (3 नवंबर) को संपन्न छठ पूजा के दौरान दीवार गिरने, भगदड़ मचने और डूबने जैसे कई हादसे हुए। इनमें 18 बच्चों समेत 30 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि शनिवार (2 नवंबर) और रविवार को 2 महिलाओं की मौत दीवार गिरने से हुई। वहीं, 2 बच्चे भगदड़ में जान गंवा बैठे। इनके अलावा 16 बच्चों सहित 26 लोगों की मौत विभिन्न जिलों में डूबने से हो गई।

पुलिस के मुताबिक, समस्तीपुर जिले के बड़गांव में रविवार सुबह काली मंदिर की दीवार गिरने से छठ पूजा देख रही 2 महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई। वहीं, 4 लोग घायल हो गए। हसनपुर के एसएचओ चंद्रकांत गौरी ने बताया कि हादसा सुबह करीब 6:30 बजे उस वक्त हुआ, जब श्रद्धालु सुबह का अर्घ्य देकर लौटने की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि हादसे से अफरातफरी मच गई और मलबे से 2 मृतकों सहित 6 महिलाओं को निकाला गया।

भगदड़ में 2 बच्चों ने गंवाई जान: एक अन्य घटना में औरंगाबाद के देव ब्लॉक स्थित सूर्यकुंड के पास शनिवार शाम छठ पर्व के दौरान भगदौड़ की चपेट में आने से 2 बच्चों की मौत हो गई। औरंगाबाद के जिलाधिकारी राहुल रंजन माहीवाल ने बताया कि बच्चों की पहचान पटना निवासी 7 वर्षीय बेबी और भोजपुर निवासी 4 वर्षीय प्रिंस कुमार के रूप में हुई। आधिकारिक सूत्रों ने स्वीकार किया कि स्थानीय प्रशासन की उम्मीदों से कहीं अधिक लोग देव स्थित सूर्य मंदिर छठ पूजा के लिए पहुंच गए, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हुई।

डूबने से कई लोगों की मौत: डूबने की घटनाओं में समस्तीपुर के खजूरी गांव में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। इसकी जानकारी सरायरंजन के ब्लॉक विकास अधिकारी गंगासागर सिंह ने दी। बेगूसराय जिले के अंतर्गत साहेबपुर कमाल और मुफस्सिल थाना क्षेत्र में 3 बच्चों की मौत तालाब में डूबने से हुई। वहीं, 2 अन्य को गोताखोरों ने बचा लिया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बेगूसराय जिले में शनिवार शाम 4 लोगों की मौत डूबने से हुई, जबकि एक अब भी लापता है। उसकी तलाश की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि वैशाली, पूर्णिया और खगड़िया जिलों में छठ पूजा के दौरान 10 बच्चों सहित 18 लोगों ने जान गंवा दी है। उन्होंने बताया कि पूर्णिया, वैशाली और खगड़िया जिले में क्रमश: 7, 6 और 5 लोगों की मौत हो गई।