नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए 23 यूरोपीय सांसदों की दी गई मंजूरी पर उठ रहे सवालों के बाद विदेश मंत्रालय ने सफाई दी है कि ये कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इसमें अहम बात ये है कि ऐसे कार्य एक बड़े राष्ट्रीय हित को पूरा करते हैं।

विदेश मंत्रालय ने साथ ही कहा कि भारत सरकार के सामने ये पक्ष लाया गया था कि यूरोपियन सांसद का एक दल भारत आना चाहता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, 'भारत का दौरा करने जो दल आया था उसने भारत के बारे में जानने की इच्छा जताई थी। यह एक तरह से परिचय बढ़ाने का दौरा था।'

विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि ये सांसद कश्मीर की जमीनी हकीकत और वहां आतंक के डर को समझना चाहते थे। एक एनजीओ द्वारा इन सांसदों के दौरों को आयोजित करने के सवाल पर रवीश कुमार ने कहा, 'जरूरी नहीं होता कि ऐसे दल हमेशा आधिकारिक रास्तों से प्राणाली से आएं।'