मुंबई: महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही रस्साकशी का अंत होने के संकेत मिलने लगे हैं. शिवसेना के नेता संजय राउत की ओर से आए बयान में ऐसा संदेश मिलता दिख रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि बीजेपी के साथ शिवसेना का गठबंधन टूटा नहीं है.

संजय राउत ने अपने नए बयान में कहा है कि व्यक्तिगत फायदा मायने नहीं रखता, राज्य जरूरी है. जिससे यह माना जा रहा है कि बीजेपी और शिवसेना को सत्ता में सहयोग का फॉर्मूला मिल चुका है.

अपना रुख नरम करते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र के वृहद हित में पार्टी के लिए भाजपा नीत गठबंधन में बने रहना जरुरी है लेकिन 'सम्मान' से समझौता किए बगैर. उन्होंने कहा कि अगली सरकार बनाने में कोई जल्दबाजी नहीं है और उन्होंने उन कयासों को खारिज कर दिया कि अगर नई मंत्रिपरिषद के गठन में देरी होती है तो शिवसेना बंट सकती है. पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि राज्य के हित में शिवसेना के लिए भगवा गठबंधन में बने रहना जरुरी है लेकिन 'सम्मान' भी महत्वपूर्ण है.

शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा है कि सरकार बनाने का दावा करने वाले पक्ष को सदन में 145 सीटों की जरूरत होगी… मात्र इतना ही मायने रखता है. इसके बाद कोई भी नेता, विधायक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बन सकता है. गवर्नर उन्हें आमंत्रित करेंगे, जिनके पास भी 145 सीटों का आंकड़ा होगा लेकिन उन्हें भी फ्लोर पर अपना बहुमत सिद्ध करना होगा. साथ ही उन्होंने कहा है कि बीजेपी के साथ उनका गठबंधन चल रहा है.

हालांकि संजय राउत ने यह भी कहा है, 'महाराष्ट्र की कुंडली तो हम ही बनाएंगे. कुंडली में कौन सा ग्रह कहां रखना है और कौन से तारे जमीन पर उतारने हैं, किस तारे को चमक देना है, इतनी ताकत आज भी शिव सेना के पास है.'