तेहरान: अमरीका के एक स्कॉलर का कहना है कि दुनिया के सबसे ख़ूंख़ार तकफ़ीरी आतंकवादी गुट ISIS का सरग़ना अल-बग़दादी इस्राईल का एजेंट था। अमरीकी स्कॉलर और पत्रकार केविन बैरेट का यह भी कहना है कि ट्रम्प की घोषणा के बाद बग़दादी के ख़ुफ़िया ठिकाने की जो तस्वीरें जारी की गई थीं, वह भी फ़ेक थीं। बैरेट का कहना था कि ट्रम्प ने बग़दादी की मौत की घोषणा कुछ ऐसे अंदाज़ में की कि वह ख़बर कम और कॉमेडी ज़्यादा लग रही थी, जिसका मक़सद अमरीकियों का मनोरंजन करना था।
अमरीकी पत्रकार ने दावा किया कि वास्तव में ISIS का सरग़ना बग़दादी एक इस्राईली और अमरीकी एजेंट था, बल्कि कुछ पत्रकारों ने तो यह भी दावा किया है कि एक इस्राईली जासूस अल-बग़दादी की भूमिका निभा रहा था।
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र संघ के एक प्रवक्ता का कहना है कि राष्ट्र संघ अल-बग़दादी की मौत पर आधारित अमरीका की घोषणा की पुष्टि नहीं कर सकता है।हालांकि ट्रम्प का कहना है कि वे सिचुएशन रूम में बैठकर बग़दादी को मारने के लिए किए गए अमरीकी सैन्य ऑप्रशन का सीधा प्रसारण ऐसे देख रहे थे कि जैसे कोई फ़िल्म देख रहे हों।
बैरेट ने बग़दादी की हत्या के लिए किए गए ऑप्रेशन को ओसामा बिन लादेन की हत्या के लिए किए गए ऑप्रेशन की तरह एक ड्रामा बताया। उन्होंने कहा अमरीकी सैनिकों ने बग़दादी के शव के टुकड़े जमा किए और उन्हें समुद्र में किसी ख़ुफ़िया ठिकाने पर फेंक दिया, बिल्कुल जिस तरह से बिन लादेन के शव के साथ करने का दावा किया था।
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