1 से 18 नवंबर के बीच करेगी 35 पत्रकार वार्ताएं

नई दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एक बार फिर नये सिरे से मोर्चा खोलने का फैसला किया है। इसके तहत पार्टी ने देश में अर्थव्यवस्था की हालत पर केंद्र सरकार को घेरने का फैसला किया है। इसके लिए कांग्रेस पार्टी 1 से 18 नवंबर के बीच 35 प्रेस-कॉन्फ्रेंस करेगी। साथ ही कांग्रेस 5 से 15 नवंबर के बीच विरोध प्रदर्शन भी आयोजित करेगी।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आगामी दो नवंबर को पार्टी के महासचिवों एवं प्रभारियों की बैठक बुलाई है जिसमें अर्थव्यवस्था में सुस्ती, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों की बुरी हालत और बेरोजगारी जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की रणनीति पर मंथन होगा।

सूत्रों के मुताबिक, सोनिया इस बैठक में महाराष्ट्र एवं हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों और इसके बाद की राजनीतिक स्थिति तथा कुछ संगठनात्मक मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है। यह बैठक उस वक्त हो रही है जब कांग्रेस आर्थिक मोर्च पर ‘विफलता’ को लेकर पांच से 15 नवंबर के बीच मोदी सरकार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने जा रही है।

सूत्रों का कहना है कि सोनिया की अध्यक्षता में शनिवार शाम होने वाली इस बैठक में पांच से 15 नवंबर के बीच होने जा रहे विरोध प्रदर्शन से जुड़ी रणनीति पर चर्चा होगी। हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा के बाद इस तरह की यह दूसरी बैठक है।

इससे पहले, गत 25 अक्टूबर को कांग्रेस के विशेष समूह की बैठक हुई थी। दरअसल, महाराष्ट्र की 288 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को कुल 98 सीटें मिलीं, जिनमें राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें हासिल हुईं। वहीं भाजपा को 105 और शिवसेना ने 56 सीटें मिलीं।

हरियाणा में भाजपा ने 40 और जननायक जनता पार्टी ने 10 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। कुछ महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार को देखते हुए इन दोनों राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन को अपेक्षाकृत बेहतर माना जा रहा है।