नई दिल्ली. प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में फर्जीवाड़ा और बेनामी संपत्ति से निपटने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. केंद्र सरकार प्रॉपर्टी ओनरशिप (Property Ownership) के लिए एक कानून ला रही है, जिसमें अपनी फिक्स्ड एसेट्स के मालिकाना हक के लिए उसको आधार से लिंक कराना जरूरी होगा. इससे जमीन-मकान की खरीदारी में धोखाधड़ी रोकने के साथ बेनामी संपत्ति का भी खुलासा होगा.

प्रॉपर्टी ओनरशिप के लिए कानून पर ड्राफ्ट तैयार हो गया है और पांच सदस्यों की एक्सपर्ट कमिटी भी गठित हो चुकी है. कमिटी राज्यों से समन्वय करेगी, क्योंकि प्रॉपर्टी से जुड़े मामले राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हैं, इसलिए केंद्र सरकार मॉडल कानून बनाकर राज्यों को देगी.

जो शख्स अपनी प्रॉपर्टी को आधार से लिंक कराएगा, उसकी संपत्ति पर कब्जा होता है तो उसे छुड़ाना सरकार की जिम्मेदारी होगी या फिर सरकार मुआवजा देगी. आधार लिंक नहीं कराने पर सरकार जिम्मेदारी नहीं लेगी. एक्सपर्ट कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि आधार लिंक कराना वैकल्पिक होगा. अगर लोग चाहते हैं कि सरकार उनकी संपत्ति की गारंटी ले तो आधार लिंक कराना ही होगा.

रजिस्ट्रार ऑफिस में खसरा नंबर के आधार पर टाइटल जनरेट कराना होगा. इसे आधार से लिंक कराना होगा. रजिस्ट्री भी बेचने के बाद होगी. जमीन का रिकॉर्ड अपडेट होगा. आधी प्रॉपर्टी बेचने पर भी रजिस्ट्री होते ही रिकॉर्ड अपडेट हो जाएगा. बायोमैट्रिक से घर बैठे ही प्रॉपर्टी बेच सकेंगे. हालांकि रजिस्ट्री में एक महीने का समय लगेगा.

नया कानून दो तरीकों से लागू होगा. पहला- बेचते समय या ट्रांसफर करते समय आधार से लिंक होगा. दूसरा- जिलावार लागू कराया जा सकता है. अवैध कब्जों से सुरक्षा मिलेगी. आसानी से लोन मिलेगा. जमीन संबंधी कानूनी मदद के लिए सिंगल विंडो होगी.