लखनऊ: बाग आईना बीबी, हुसैनगंज में हज़रत इमाम हुसैन के चैहेल्लमु के मौके पर आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन के उपाध्यक्ष अल्हाज मुम्ताज खान एडवोकेट की बहन व अल्हाज इस्माईल सिद्दीकी की एहलीया कमर जहाॅ के फातेहा चाहेल्लुम पर जिक्रे शोहदाए करबला की महफिल का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन की अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ ने की। महफिल को खिताब करते हुए सैयद मोहम्मद हाश्मी मियाॅ किछौछवी ने कहा कि दुनिया में लोग एकता की बात तो करते है लेकिन न ज़बानों में एकता, न मज़़हबों में एकता, न जातियाॅ में एकता, न मुल्कों में एकता, लेकिन एक चीज़ में सब एक है वह है मौत, हर इन्सान को मौत का मज़ा चखना है इस बात पर सब एक है। लेकिन क़ुरआन ने किस को जिन्दा कहा और किसको मुर्दा कहा आओ क़ुरआन से पुछे, क़ुरआन ने अबु लहब, अबु जहर जैसे लोगों को मुर्दा कहा जब की देखने में वह जिन्दा थें और क़ुरआन ने फरमाया जो लोग अल्लाह कि राह में शहीद हुए उनको मुर्दा हरगिज़ में कहो बल्कि व जिन्दा है। गोया मौत और जिन्दगी का ताल्लुक़ मरने जीने से नही है बल्कि अल्लाह की राह पर अपने को कुर्बान करने वाला और अल्लाह के रास्ते पर चलने वाला ही जिन्दा है इसलिए मेरा इमामे हुसैन जिन्दा है उसकी आल जिन्दा है उनके चाहने वाले जिन्दा और तमाम मोमिनीन जिन्दा और जिन्दा लोगों में ही लेन देन होता है मुर्दो में नही। इसीलिए हर मोमिन के घरों मंे इसाले सवाब की महफ़िल होती है।

मोहम्मदी मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ ने कहा कि इमामे हुसैन ने इस्लाम को बचाने के लिए अपने तमाम नुफुसे कुदसिया के साथ शहादत का जाम पीकर इस्लाम को नई जिन्दगी बक्शी , आज पूरी दुनिया इमामे हुसैन को याद करती है और उनकी उसूलों पर चलकर दीन और दुनिया दोनों को सवारती है। उधर दूसरी तरफ बालागंज स्थित आल इण्डिया मोहम्मदी मिशन कार्यालय से एन. आर. सी. से सम्बन्धित दस्तावेज की जानकारी का दिशानिर्देश पत्र जारी किया गया ताकि हिन्दुस्तान की जनता अपने दस्तावेज समय रहते तैयार कर ले या फिर उसमें संशोधन हो तो करवा ले। मिशन के अध्यक्ष सैयद अयूब अशरफ ने सरकार से माॅग की है कि एन. आर. सी. और एन आर. आई. सी. से सम्बन्धित दस्तावेजों की जानकारी हिन्दुस्तान के सभी नागरिकों को दी जाए।