नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित करने और रोजगार की तलाश में शहर की ओर पलायन को रोकने के लिए नीतिगत उपाय करने की जरूरत पर से ज्यादा जरूरत है।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक उद्योग कार्यक्रम में यहां कहा , " हमारे देश की सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है हमारे सामने दूसरी समस्या पलायन है। नौकरी की तलाश में लोग गांव से शहरों की ओर जा रहे हैं। एक बार महात्मा गांधी ने कहा था कि 85 प्रतिशत आबादी गांव में निवास करती है। अब यह गिरकर 60 प्रतिशत रह गई है। हमें लोगों को गांवों में ही नौकरी के अवसर देने के तरीके तलाशने होंगे ताकि उन्हें अपना घर छोड़ने की जरूरत नहीं पड़े। इसे ध्यान में रखते हुए नीति बनाना देश के लिए उपयोगी साबित होगा। "

गडकरी ने रोजगार सृजन में मदद के लिए कुछ तरीके सुझाते हुए कहा कि परिवहन क्षेत्र में 22 लाख ड्राइवरों की जरूरत है और यदि ड्राइविंग प्रशिक्षिण स्कूल खोला जाता है तो कई लोगों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि देश में 25 से ज्यादा किस्म के शहद का उत्पादन हो रहा है , जिसका उपयोग बिस्कुट विनिर्माण और अन्य बेकरी उत्पादों में किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि मदर डेयरी ' ऑरेंज बर्फी ' बनाने में नागपुर संतरों का उपयोग पहले से ही कर रही है। यह उत्पाद हमेशा आउट ऑफ स्टॉक (अनुपलब्ध) रहता है। गडकरी के पास सूक्ष्म , लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) मंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।

उन्होंने कहा कि पैकेजिंग उद्योग बिहार की मधुबनी पेंटिंग और वाराणसी के रेशम उत्पाद जैसे स्थानीय उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा , " एमएसएमई क्षेत्र में नई नौकरियां सृजित करने की काफी संभावनाएं हैं| उन क्षेत्रों की पहचान किए जाने की जरूरत है , जहां लोगों को कुशल बनाकर नौकरी दी जा सकती है| एमएसएमई क्षेत्र का देश की जीडीपी में 29 प्रतिशत , निर्यात में 49 प्रतिशत योगदान है। इस क्षेत्र में अब तक 11 करोड़ रोजगार अवसर सृजित हुए हैं। "