मुंबई: पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के खाताधारकों को इन दिनों कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच पीएमसी बैंक के एक खाताधारक संजय गुलाटी की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। खाताधारक के पीएमसी बैंक के खाते में लगभग 90 लाख रुपए जमा है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के ओशिवारा इलाके में रहने वाले गुलाटी सोमवार को किला कोर्ट के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। शाम 3.30 बजे घर लौटने पर उनकी तबियत बिगड़ गई। बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी मौत हो गई। घर वालों ने बताया कि मृतक संजय गुलाटी के बैंक में 90 लाख रुपये जमा थे। बैंक से रुपए निकालने के प्रतिबंधों के चलते वे बेहद परेशान थे। गुलाटी के घर पर उनकी पत्‍नी के अलावा दो छोटे बच्‍चे हैं।

पीएमसी बैंक यह पूरा मामला कथित 4,355 करोड़ रुपये के घोटाले का है। बैंक फिलहाल, आरबीआई द्वारा नियुक्त प्रशासक के तहत काम कर रहा है। बैंक के पूर्व प्रबंधकों की पुलिस की आर्थिक अपराध (ईओडब्ल्यू) शाखा जांच कर रही है।

पीएमसी बैंक की 137 शाखाएं हैं और यह देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है। जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी। अनियमितता के आरोप के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने पंजाब ऐंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (पीएमसी) के नियमित कारोबारी ट्रांजेक्शन सहित अधिकांश कारोबार पर पाबंदियां लगा दी है। यह पाबंदी छह महीने तक के लिए लगाई गई है।

आरबीआइ ने रकम निकासी की सीमा बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दी है। इससे पहले आरबीआइ ने 3 अक्‍टूबर को खाताधारकों को अपने खाते से कुल जमा राशि में से 25,000 रुपये निकालने की मंजूरी दी थी। यह कदम खाताधारकों के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया था। सबसे पहले आरबीआई ने निकासी की सीमा केवल 1000 रुपये तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया था।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई के गवर्नर से मुलाकात करके खातधारको की चिंताओं को दूर करने का आग्रह किया था। वित्त मंत्री ने सोमवार को कहा था कि गवर्नर ने भरोसा दिया है कि पीएमसी बैंक के खाताधारकों के हितों की रक्षा की जाएगी। निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'इस पूरे मामले का वित्त मंत्रालय से सीधे कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि आरबीआई रेगुलेटर है।