नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भारत दौरे से पहले चीन ने जम्मू-कश्मीर के मसले पर बयान दिया है। चीन दौरे पर पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में चीन ने जहां जम्मू-कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के नियमों के पालन करने को कहा वहीं, कश्मीर पर 'करीबी नजर' होने की भी बात कही। अब इस बयान पर भारत में विवाद शुरू हो गया है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस मसले पर केंद्र सरकार से सवाल किया और कहा कि क्यों नहीं, भारत चीन से तिब्बत, हांगकांग के बारे में बात करता है।

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने गुरुवार को ट्वीट किया कि अगर शी जिनपिंग कह रहे हैं कि उनकी नजर जम्मू-कश्मीर पर है, तो प्रधानमंत्री या विदेश मंत्रालय क्यों नहीं कहता है कि भारत हांगकांग में हो रहे लोकतंत्र को लेकर प्रदर्शन को देख रहा है, शिंजियांग में हो रहे मानवाधिकार के उल्लंघन, तिब्बत की स्थिति और साउथ चाइना पर चीन की दखल पर हिंदुस्तान नजर बनाए हुए है।

गौरतलब है कि शी जिनपिंग के भारत आने से पहले ही चीन ने जम्मू-कश्मीर को लेकर अपने बयान से पलट गया है। बीते दिनों चीन की ओर से बयान दिया गया था कि जम्मू-कश्मीर के मसले पर भारत-पाकिस्तान को आपस में बात करनी चाहिए।

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि कश्मीर में स्थिति पर चीन "करीबी नजर रखे हुए" है और "यह बात साफ" है। साथ ही, उन्होंने भरोसा जताया कि संबंद्ध पक्ष शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए इस मामले को सुलझा सकते हैं।

वहीं, चीन के इस बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का अधिकार किसी देश को नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘’हमने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के बीच हुई वार्ता संबंधी रिपोर्ट देखी है, जिसमें कश्मीर को लेकर उनकी चर्चा का उल्लेख है। भारत की स्थिति साफ और सतत है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। चीन इस बारे में भारत की स्थिति जानता है। भारत के आंतरिक मामलों में बोलने का अधिकार किसी देश को नहीं है।’’

बता दें कि शी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए इस सप्ताह भारत की यात्रा करेंगे। शी ने खान को यहां एक बैठक में भरोसा दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय हालात में बदलावों के बावजूद चीन और पाकिस्तान की मित्रता अटूट और चट्टान जैसी मजबूत है। खान ऐसे समय में चीन की यात्रा पर यहां पहुंचे हैं, जब 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ गया है।

चीन की ओर से पहले ये बयान आया था कि कश्मीर तो भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है। चीन ने कहा था, ‘’कश्मीर के मसले पर चीन का स्टैंड पूरी तरह साफ है। हम दोनों देशों से अपील करते हैं कि वो बातचीत की सहायता से विवाद को खत्म करें, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास पैदा हो और रिश्ते में सुधार हो सके। इसी में दोनों देशों के हित हैं और यही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षा है।’’