लखनऊ: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की राज्य इकाई ने कहा है कि योगी सरकार में पुलिस बेलगाम हो गई है, जिसके चलते मानवाधिकारों पर हमले बढ़े हैं। झांसी जिले में युवक की एनकाउंटर में हत्या और बदायूं जिले में बिजली बकायेदार की हिरासत में मौत जैसी हाल की घटनाएं इसका गवाह हैं।

पार्टी राज्य सचिव सुधाकर यादव ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि झांसी के मोंठ थानाक्षेत्र का एनकाउंटर पुलिस को ठांय-ठांय करने की दी गई छूट का नतीजा है। पुलिस की बताई कहानी पर जनता की ओर से सवाल उठ रहे हैं। पुष्पेंद्र यादव को एनकाउंटर में मार गिराने का पुलिस का दावा संदेह के घेरे में है। वहीं बंदायू के सहसवान तहसील में बिजली बकायेदार किसान ब्रजपाल की हिरासत में मौत ने दिखाया है कि मानवाधिकारों को ताक पर रख कर प्रशासन चलाया जा रहा है। एक तरफ पूंजीपतियों पर करोड़ों-अरबों रुपये के कर्जे माफ कर दिये जा रहे हैं, ऊपर से बेलआउट के नाम पर सरकारी खजाने से भारी-भरकम खैरात दी जा रही है, वहीं बकाया वसूली के लिए किसानों की हत्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान दोहरी मार से परेशान हैं। एक तरफ कर्जों के बोझ से वे आत्महत्या कर रहे हैं, वहीं प्रशासन भी बकाये के नाम पर उन्हें जीने नहीं दे रहा है।

माले नेता ने झांसी और बंदायू की घटनाओं की न्यायिक जांच और दोषी पुलिसकर्मियों-अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। कहा कि भाजपा शासन में मानवाधिकार और लोकतंत्र सुरक्षित नहीं रह गये हैं।