नई दिल्ली: मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने को लेकर कल (सोमवार) सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल बेंच सुनवाई करेगी। रविवार को छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरे में पेड़ों के काटे जाने के खिलाफ याचिका दायर की। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपने विशेषाधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मामले में तुरंत सुनवाई करनी चाहिए और पेड़ों के काटने पर रोक लगानी चाहिए।

मुंबई की एक सत्र अदालत ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस कर्मियों के काम में बाधा डालने और उनपर हमला करने के आरोप में बीते दो दिनों में गिरफ्तार किए गए 29 प्रदर्शनकारियों को रविवार को जमानत दे दी। अवकाशकालीन अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एचसी शिंदे ने कुछ शर्तों के साथ प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का आदेश दिया।

इन शर्तों में, सात हज़ार रुपये का निजी मुचलका और यह अश्वासन शामिल है कि वे प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेंगे। बहरहाल, प्रदर्शनकारियों के ठाणे जेल से रविवार को बाहर आने की संभावना नहीं है क्योंकि अभी कानूनी एवं अन्य औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई हैं।

उत्तर मुंबई के आरे कॉलोनी में मुंबई मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि (एमएमआरसीएल) द्वारा पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई थी जिसके बाद शुक्रवार रात और शनिवार को ये गिरफ्तारियां हुई थीं।
इन पेड़ों की कटाई मेट्रो शेड बनाने के लिए की गई है। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुंबई नगर निकाय के पेड़ों को काटने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। पुलिस ने शनिवार को आरे कॉलोनी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी थी, जिसके तहत लोगों के जमा होने पर पाबंदी लगा दी। इसकी मियाद रविवार को भी बढ़ा दी है।

29 आवेदकों (इनमें अधिकतर छात्र हैं) की पैरवी कर रहे वकीलों ने अदालत से अनुरोध किया कि उन्हें जमानत दी जाए क्योंकि उनमें से कई को सोमवार से शुरू हो रही परीक्षाएं देनी है। उन्होंने अदालत से कहा कि आवेदकों की और हिरासत की जरूरत नहीं है, क्योंकि बोरीवली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें पहले ही न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।

एक वकील आदित्य बमबुलकर ने बताया, ‘‘ चूंकि, कई आवेदक युवा छात्र हैं। इसलिए अदालत का विचार है उन्हें कुछ शर्तों के साथ जमानत पर छोड़ा जा सकता है।’’ उन्होंने बताया कि अदालत ने प्रत्येक आवेदक उस थाने में सात हजार रुपये का निजी मुचलका देगा, जहां मामले दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि अदालत ने आवेदकों को निर्देश दिया है कि वे 15 दिन में एक बार बुधवार को शाम छह से नौ बजे के बीच थाने में पेश होंगे। अदालत ने उनसे जांच अधिकारी के साथ सहयोग करने को भी कहा। कम से कम 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 332 और 143 के तहत मामला दर्ज किया है।