नई दिल्ली: भारतीय बैंकिंग सिस्टम पर मशहूर वाणिज्यिक एजेंसी मूडीज ने बड़ी चेतावनी देते हुए इसे दुनिया की सबसे असुरक्षित व्यवस्थाओं में से एक करार दिया है। एशिया-पैसिफिक की 13 अर्थव्यवस्थाओं में एजेंसी ने भारत की बैंकिंग प्रणाली को इंडोनेशिया के साथ-साथ सबसे अधिक असुरक्षित और संवेदनशील बताया है। इसके बाद सिंगापुर, मलेशिया और चीन को असुरक्षित अर्थव्यवस्था की श्रेणी में रखा गया है। यह जानकारी मूडीज ने सोमवार को निफ्टी सूचकांक के 2.59 फीसदी नीचे बंद होने पर दी।

रेटिंग एजेंसी ने लिखा है कि धीमी आर्थिक विकास और बढ़ते व्यापार तथा जीयोपॉलिटिकल तनाव के चलते क्षेत्र में कॉरपोरेट्स की ऋण सेवा क्षमताओं में कमी हो सकती है। एजेंसी ने कहा है, “भारतीय बैंक सबसे कमजोर हैं, क्योंकि उनके पास पूंजी अनुपात कम है और हमारे तनाव के हालात में उनकी पूंजी मिटा दी जाएगी।”

सोमवार को यस बैंक का स्टॉक 15 फीसदी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 3.7 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक का 3.5 फीसदी, एक्सिस बैंक का 2.3 फीसदी और एचडीएफसी बैंक का 1.4 फीसदी गिर गया। सरकार ने हाल ही में संसद को बताया कि राज्य के संचालित बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च 2019 में 8,95,601करोड़ रुपये से घटकर 8,06,412 करोड़ रुपये हो गया। वहीं, भारत और इंडोनेशिया में जीडीपी के लिए कॉर्पोरेट ऋण का अनुपात अपेक्षाकृत कम है। मूडीज का मानना है कि बड़े डिफाल्टरों के चलते बैंकिंग व्यवस्था की हालत 2011 के बाद काफी हद तक खराब किया है।

मूडिज इन्वेस्टर सर्विस की असिस्टेंट वाइस-प्रेसिडेंट और विश्लेषक रेबाका टैन ने लिखा है, “हमारा तनाव परीक्षण- जो ईबीआईटीडीए (ब्याज, टैक्स, मूल्य में गिरावट और परिशोधन से पहले की आय) में 25 प्रतिशत की गिरावट को मानता है- भारत और इंडोनेशिया में बैंकों को दर्शाता है कि कॉर्पोरेट ऋण चुकौती क्षमता में गिरावट का सबसे ज्यादा खतरा है।” कॉरपोरेट द्वारा लिए गए कर्ज में भारत और इंडोनेशिया का शेयर सबसे ज्यादा होने वाला है।