नई दिल्ली. केंद्र सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक से करीब 30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. राजस्व संग्रह में कमी तथा कॉरपोरेट करों में कटौती के कारण सरकार के वित्त संसाधनों पर दबाव है. एक अधिकारी ने कहा, ''यदि आवश्यकता हुई तो केंद्र सरकार चालू वित्त वर्ष में रिजर्व बैंक से 25-30 हजार करोड़ रुपये के अंतरिम लाभांश की मांग कर सकती है.''

उन्होंने कहा कि इस बारे में जनवरी की शुरुआत में आकलन किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि रिजर्व बैंक के लाभांश के अतिरिक्त विनिवेश को बढ़ाने तथा राष्ट्रीय लघु बचत कोष का अधिक इस्तेमाल करने समेत कुछ अन्य साधन भी हैं. सरकार पहले भी राजकोषीय घाटा कम करने के लिए रिजर्व बैंक से अंतरिम लाभांश ले चुकी है. पिछले साल सरकार ने रिजर्व बैंक से 28 हजार करोड़ रुपये का अंतरिम लाभांश लिया था. इससे पहले वित्त वर्ष 2017-18 में इस तरह से 10 हजार करोड़ रुपये लिए गए थे.

गौरतलब है कि 5 जुलाई को आम बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश लक्ष्य को बढ़ा 1 लाख 5 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है. अंतरिम बजट में विनिवेश के​ लिए रखे गए लक्ष्य से यह 16 फीसदी अधिक है. वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश से सरकार ने करीब 85 हजार करोड़ रुपये था, जबकि इस अवधि के लिए विनिवेश का लक्ष्य 80 हजार करोड़ रुपये था. 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में तत्कालीन कार्यवाहक वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए विनिवेश लक्ष्य 90 हजार करोड़ रुपये रखा था.