लखनऊ: इण्डिया लिटरेसी बोर्ड, साक्षरता निकेतन, लखनऊ में आयोजित ’साक्षरता एवं स्वावलम्बन पखवाड़े’ के अन्तर्गत दो दिवसीय व्याख्यान-माला का समापन करते हुए पूर्व महापौर, लखनऊ डाॅ0 दाऊजी गुप्ता ने कहा कि गाँधी की अहिंसा के प्रभाव के कारण ही भारत में कभी भी सैनिक शासन नहीं लगा, जबकि अन्य लगभग सभी देशों में हिंसा भी हुई और सैनिक शासन भी लगा। हमारे देश को त्याग और बलिदान के बल पर आजादी मिली। गाँधी जी ने आजादी की लड़ाई में अहिंसा को अपना शस्त्र बनाया। इसलिए हम इनका वन्दन करते हैं। हमें सत्य और अहिंसा के मार्ग से अलग नहीं होना चाहिए। गाँधी जी से प्रेरित होकर ही डाॅ0 वेल्दी हाॅनसिंगर फिशर ने समर्पित भाव से साक्षरता एवं शिक्षा के लिए कार्य किया। इसके लिए उन्होंने लखनऊ में साक्षरता निकेतन की स्थापना की। महिलाओं के लिए शिक्षा अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षित होकर वे अपने मायके तथा ससुराल दोनों का नाम रोशन कर सकती हैं।

समापन सत्र की अध्यक्षता कर रहे पूर्व महासचिव, राज्यसभा श्री आर0 सी0 त्रिपाठी, आई.ए.एस. (से.नि.) ने कहा कि समाज का सुधार करने के लिए गाँधी जी साधक और साध्य दोनों थे। उन्होंने बुनियादी शिक्षा पर जोर दिया था। आज के परिवेश में भी गाँधी जी के विचारों की प्रासंगकिता कम नहीं हुई है। अन्त में इण्डिया लिटरेसी बोर्ड के अध्यक्ष श्री जी0 पटनायक, आई.ए.एस. (से.नि.) ने व्याख्यान-माला के सभी सम्मानित वक्ताओं को साक्षरता निकेतन की संस्थापिका डाॅ0 वेल्दी हाॅनसिंगर फिशर के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘टु लाइट ए कैंडिल’ पुस्तक भेंट स्वरूप प्रदान की तथा सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया। श्री पटनायक ने विभिन्न स्कूलों से प्रतिभाग करने आए छात्र-छात्राओं को प्रमाण-पत्र प्रदान करते हुए उनसे कहा कि आप जो पाना चाहते हैं, उसके लिए कड़ी मेहनत करें। गाँधी जी ने भी यही किया था। आप अपने आस-पास के किसी एक निरक्षर को साक्षर बनाने का काम अवश्य करें। समापन सत्र का सफल संचालन समन्वयक, परियोजना एवं प्रशिक्षण, रामचन्द्र यादव द्वारा किया गया।