नई दिल्ली: पी के मिश्रा और पी के सिन्हा को क्रमश: प्रधानमंत्री का प्रधान सचिव और प्रधान सलाहकार नियुक्त किये जाने के कुछ दिन बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने दोनों अधिकारियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के कार्य क्षेत्रों को परिभाषित किया है। पीएमओ की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रधान सचिव मिश्रा नीतिगत मुद्दों और कार्मिक तथा कानून मंत्रालयों के अलावा कैबिनेट की नियुक्ति समिति तथा अन्य नियुक्तियों से जुड़े मामले देखेंगे।

आदेश के अनुसार, वह कैबिनेट सचिवालय से संबंधित मुद्दे, मंत्रिमंडल की बैठक के लिए विषयों की सूची, भ्रष्टाचार रोधी इकाई, पीएमओ के प्रतिष्ठानों और सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे और मामले भी देखेंगे।राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल नियुक्तियों को छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा और नीतिगत मामलों से जुड़े सभी मामले देखेंगे। वह विदेश मंत्रालय, प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा और देश की बाह्य खुफिया एजेसी 'रिसर्च एंड एनालिसिस विंग' (रॉ) से जुड़े मामले भी देखेंगे।

डोभाल को 'नेशनल सोशियलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड' (एनएससीएन) के अलगाववादियों से वार्ता की जिम्मेदारी भी दी गई है। 13 सितंबर को जारी आदेश के अनुसार, प्रधानमंत्री के प्रधान सलाहकार पी के सिन्हा सभी मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों/ निकायों से संबंधित नीतिगत मुद्दों और मामलों की देखरेख करेंगे जो विशेष रूप से प्रमुख सचिव और एनएसए को आवंटित किए गए हैं।

सिन्हा पूर्व कैबिनेट सचिव हैं जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सलाहकार बनाए जाने से पहले पीएमओ में ओएसडी थे। मिश्रा और डोभाल को कैबिनेट मंत्री के बराबर दर्जा मिला हुआ है।