लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ पब्लिक कालेज, गोमती नगर शाखा में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षकों को सम्मानित किया तथा लखनऊ पब्लिक विद्यालय के संस्थापक श्री एस0पी0 सिंह द्वारा लिखित पुस्तक ‘सपने और रोजगार की राहें’ का विमोचन किया। कार्यक्रम में श्री अशोक बाजपेयी सांसद राज्यसभा, श्री अरूण सिंह राष्ट्रीय महासचिव भारतीय जनता पार्टी, विद्यालय की मुख्य प्रशासिका श्रीमती कान्ती सिंह, विद्यालय के शिक्षक एवं विद्यार्थीगण व अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर लखनऊ पब्लिक कालेज के विभिन्न शाखाओं की प्रधानाचार्यों को अंगवस्त्र एवं प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया।

राज्यपाल ने पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डाॅ0 राधाकृष्णन को नमन करते हुए कहा कि डाॅ0 राधाकृष्णन का जन्मदिवस पूरे देश में ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में शिक्षकों को बहुत ऊंचा स्थान प्राप्त है क्योंकि वे विद्यार्थियों को अंधेरे से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार शिक्षक व्यक्ति, समाज और राष्ट्र की अमूल्य सेवा करते हैं। शिक्षा की प्रगति का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संसाधन हमारे शिक्षक ही हैं। शिक्षकों को अनुशासन, अध्ययन और सदाचरण का एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिये ताकि छात्र उनका अनुसरण कर सकें। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी के निर्माता होने के कारण राष्ट्र को शिक्षकों से बहुत अपेक्षाये हैं, उन पर बच्चों के चरित्र निर्माण और विकास को नये आयाम देने की बड़ी जिम्मेदारी है।

श्रीमती आनंदीबेन ने प्राथमिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा एवं उन्नयन में पूरी निष्ठा और लगन के साथ कार्य करें। कच्ची मिट्टी से भावी नागरिक तैयार करना शिक्षकों की जिम्मेदारी है इसलिये बच्चों की जड़ को मजबूत करें। विद्यार्थियों की आंखों में ऐसे सपने भरें जो उन्हें आगे बढ़ने की लिये प्रेरित करें। प्राथमिक शिक्षक अंगुली पकड़कर बच्चों को आगे बढ़ाते हैं, स्वयं का ऐसा प्रतिबिम्ब बनायें जो विद्यार्थी याद करें। राज्यपाल ने कहा कि आज के युवा पढ़ाई के साथ-साथ समय निकालकर गरीब बच्चों को पढ़ाई के लिये प्रेरित करें। स्वच्छता एवं स्वास्थ्य का ध्यान रखें। पानी बचाने का काम करें। उन्होंने कहा कि भावी पीढ़ी सुयोग्य नागरिक बनेगी तो नये भारत की नई तस्वीर बनेगी।