मथुरा। आप भाग्यशाली हैं। आपको मौका मिल रहा है आगे बढ़ने का । दुनिया में बहुत से लोगों ने दृढ़ इरादों, कठिन परिश्रम और संघर्ष से सफलता पाई है। अब आपकी बारी है, इसलिए मजबूत इरादों के साथ परिश्रम करते हुए आपको वह मुकाम हासिल करना है जो आपने ठाना है। संस्कृति विश्वविद्यालय आपके साथ है।

यह उद्बोधन मंगलवार को संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सचिन गुप्ता ने विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के मध्य किया। उन्होंने कहा ख्वाब देखने चाहिए, पर जितना बड़ा ख्वाब देखेंं उतनी ही बड़ी प्लानिंग करना भी सीखिए। यह मौका है जब आपको आज ही यह तय कर लेना चाहिए कि आपको क्या बनना है, आप अपने आप को 4 साल बाद कहां देखना चाहते हैं? आपके ख्वाबों को पूरा कराना विश्वविद्यालय का काम है। आपकी सोच में जो भी आयडिया आते हैं उनको लिखिए और उनको कर्यान्वित करने की कोशिश करते रहिए।

इससे पूर्व उन्होंने सरस्वतीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर और प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। दीप प्रज्वलन में विश्वविद्यालय की विशेष कार्य अधिकारी मीनाक्षी शर्मा, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ राणा सिंह ने भी सहभागिता की।

संस्कृति विश्वविद्यालय में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का पहला दिन खुशनुमा माहौल में व्यतीत हुआ। सत्र 2019 के फ्रैशर के लिए आयोजित ओरियंटेशन प्रोग्राम में प्रवेशार्थीयों को सफलता के मूलमंत्रों को विशेषज्ञ द्वारा चित्रों और छोटी-छोटी एक्सरसाइज के द्वारा बताया गया। अंतरार्ष्ट्रीय मास्टर ट्रेनर ब्रिगेडियर सुनील ने नवीन सत्र के छात्र-छात्राओं को सचिन तेंदुलकर, शाहरुख खान और धीरूभाई अंबानी के उदाहरण देते हुए बताया कि अगर हम अपना लक्ष्य निर्धारित कर संघर्ष करते हुए लक्ष्य पाने की कोशिश करते हैं तो हमें सफलता निश्चित हासिल होती है।

ओरियंटेशन प्रोग्राम के तहत लीडरशिप कोच ब्रिगेडियर सुनील ने बताया कि मेहनत लगन और संघर्ष से हम किसी भी मुकाम को हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीखने के लिए पहले मस्तिष्क में तैयारी करनी पड़ती है और फिर सीखने की सोच के साथ जमीनी संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने बच्चों से सवाल कर उनकी तन्मयता का परीक्षण पूरे सत्र के दौरान किया। साथ ही छोटी-छोटी एक्सरसाइज के द्वारा बच्चों का मोटिवेशन प्रोग्राम में रुझान पैदा किया। दो सत्रों में चले ओरियंटेशन प्रोग्राम के दूसरे सत्र में प्रवेशार्थियों को विशेषज्ञ ब्रिगेडियर सुनील ने आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी के गुरुमंत्र दिए। छात्र-छात्राओं को मंच से संबोधन करने का अभ्यास कराया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के ईडी पीसी छाबड़ा और डीन अकेडमिक ने भी छात्र-छात्राओं को दिशानिर्देश दिए। कार्यक्रम का संचालन नेहा सारस्वत ने किया।