नई दिल्ली: अलवर में मॉब लिंचिंग के शिकार बने पहलू खान मामले में पहले छह आरोपियों को बरी कर दिया गया. इसके बाद राजस्थान सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी. अब एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने से घटना से जुड़े कुछ और नए वीडियो सामने आए हैं. वीडियो के सामने आने से मॉब लिंचिंग की इस घटना में आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है. नए वीडियो में कुछ ऐसे भी चेहरे हैं, जिनके अभी तक सिर्फ नाम या कपड़ों के रंग की पहचान ही सामने आ रही थी. उनके खिलाफ कोई पुख्‍ता सबूत नहीं थे.

यह जानकारी देते हुए पहलू खान मामले में पैरवी कर रहे वकील असद हयात ने बताया कि पुलिस जांच के दौरान कोर्ट में कोई भी वीडियो पेश करने में नाकाम रही है. दो वीडियो के आधार पर कुछ फोटो पेश किए गए थे, लेकिन बिना वीडियो के कोर्ट ने उन्हें साक्ष्‍य मानने से इंकार कर दिया.

एडवोकेट असद हयात ने बताया, 'हरियाणा में रह रहे पीड़ित पक्ष की ओर से 20 सितम्बर को कोर्ट में अपील दायर की जाएगी. इस अपील के साथ ही ये पांच वीडियो भी कोर्ट में रखे जाएंगे. इसके साथ 65B का सर्टिफिकेट भी जमा किया जाएगा जो इस बात का गवाह होगा कि पेश किए जा रहे वीडियो घटना से संबंधित हैं और उनके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. ये पांचो वीडियो 1.24, 1.08 मिनट और .24, .08, .05 सेकेंड के हैं.'

हाल ही में इस केस में वीडियो के अभाव में फोटो को सबूत न मानते हुए छह आरोपियों को बरी कर दिया गया था.

एडवोकेट असद हयात बताते हैं, 'पूरे केस के दौरान अब तक पांच लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें न तो कभी पूछताछ के लिए बुलाया गया और न ही जांच का हिस्सा बनाया गया. चार्जशीट में इनका जिक्र भी है. वीडियो में नीली, लाल और सफेद शर्ट वाले को बबलू का लड़का, सुरेन्द्र का लड़का और शिवदार का लड़का कहकर संबोधित किया गया है. नए वीडियो सामने आने के बाद इन्हें आरोपी बनाया जा सकता है.'

वीडियो के आधार पर जानकारी देते हुए एडवोकेट असद हयात ने कहा, 'कोर्ट में पेश होने जा रहे पांच वीडियो को देखें तो इसमें कई चेहरे ऐसे भी हैं जो हाल ही में वीडियो के अभाव में बरी कर दिए गए थे. जांच अधिकारी ने ऐसे लोगों के सिर्फ फोटो ही कोर्ट में पेश किए थे. लेकिन, जिस वीडियो से फोटो बनाए गए थे उस वीडियो को कोर्ट में नहीं रखा गया था.'