नई दिल्ली: आदित्य बिरला ग्रुप को एक दशक में पहली बार घाटा हुआ है। ग्रुप से जुड़ी तमाम कंपनियों को वित्त वर्ष 2019 में 6,134 करोड़ का घाटा हुआ है। ग्रुप का पिछले साल नेट प्रॉफिट 8,470 करोड़ रुपए रहा था। कंपनी के इस घाटे के पीछे वोडाफोन-आइडिया है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक अगर ग्रुप में वोडाफोन-आइडिया को शामिल न किया जाए तो कंपनी ने इस अवधि में 8,470 का नेट प्रॉफिट हासिल किया है जो कि पिछले साल 9,582 करोड़ रुपए था। ग्रुप के टेलीकॉम कारोबार (वोडाफोन-आइडिया) को वित्त वर्ष 2018-19 में 14,604 करोड़ का घाटा हुआ है।

पिछले साल और इस साल कंपनी के मुनाफे और घाटे का ट्रेंड लगभग जस का तस है। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही की तो कंपनी को 3,329 करोड़ रुएप का घाटा हुआ है जबकि 2018-19 की पहली तिमाही में 2,004 करोड़ रुपए था। वहीं वोडाफोन-आइडिया को हटाकर अगर ग्रुप के प्रॉफिट की बात की जाए तो यह इस वित्त वर्ष में 1,545 करोड़ रुपए रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक ग्रुप में शामिल टेल्को कंपनी को वित्त वर्ष 2019 में 14,604 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है जो कि ग्रुप में शामिल किसी भी अन्य कंपनी से ज्यादा है। समूह की प्रमुख कंपनियों जैसे वोडाफोन आइडिया, अल्ट्राटेक सीमेंट और आदित्य बिड़ला कैपिटल में ऋणग्रस्तता के स्तर में लगातार वृद्धि के संकेतों को भी घाटे की वजह माना जा रहा है। इसके साथ ही घरेलू और विदेशी कारण भी कंपनी के घाटे की मुख्य वजहों में शामिल है।