नई दिल्ली: जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा अपनी मां के समर्थन में आगे आई हैं। सना का कहना है कि मेरी मां आतंकवादी नहीं है लेकिन उनके साथ आतंकियों जैसा सलूक हो रहा है। इंडिया टुडे से बातचीत में सना ने कहा कि उन्हें तीन हफ्ते से अपनी मां से मिलने नहीं दिया जा रहा है।

सना ने कहा कि सरकार उनकी मां का हौंसला तोड़ना चाहती है। इसलिए उन्हें एकांत कारावास में रखा जा रहा है। सरकार से एक भावुक अपील में सना ने कहा कि घाटी में संचार सेवाओं को बहाल कर दिया जाना चाहिए। जिससे कि लोग इमरजेंसी सेवाओं का उपयोग कर सकें। सना ने कहा कि 5 अगस्त के बाद से उनके परिवार का उनकी मां के साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया है।

सना ने कहा कि मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि जब वह पहले से हाउस अरेस्ट थीं तो उन्हें हिरासत में लिए जाने की क्या जरूरत थी। उन्होंने कहा कि मेरी मां आतंकवादी नहीं है। वह पूर्व मुख्यमंत्री, दो बार की सांसद रह चुकी हैं। ऐसे में उनके साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार बिल्कुल अजीब है।

सना ने कहा कि अपनी मां से मुलाकात करने के बारे में उन्होंने प्रशासन को कई बार पत्र लिखा है लेकिन उनका कोई भी जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार यह कहे कि मैं उनसे मिल सकती हूं लेकिन मुझे अभी तक इस पार में कोई लिखित आश्वासन या सबूत नहीं दिया गया है।

घाटी में स्थिति सामान्य नहींः सना इल्तिजा ने कहा कि घाटी में स्थिति सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि यह दावा कर रही है कि घाटी में फिर से स्थिति सामान्य हो गई है तो उनके लिए हिंसा ही ‘नई सामान्य स्थिति’ हैं। सना घाटी में स्थिति के सामान्य होने संबंधी दावे पर सवाल उठाती हैं।

वे कहती हैं कि जब एक महिला गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा में 12 घंटे पैदल चलकर अस्पताल पहुंची है और मरे हुए बच्चे को जन्म देती है, क्या यहीं सामान्य स्थिति है? क्या कश्मीरी लोग इसी तरह की सामान्य स्थिति चाहते हैं? सना ने कहा कि कश्मीरियों के दिल में गुस्सा भरा पड़ा है। वे लोग इसे शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन के जरिये व्यक्त करना चाहते हैं। सना ने कहा कि इमरजेंसी सेवाओं के संकट के बीच कश्मीर बड़े मानवीय संकट की स्थिति से गुजर रहा है।