लखनऊ: ओ0पी0 सिंह, पुलिस महानिदेशक, उ0प्र0 द्वारा समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक, रेलवेज उ0प्र0, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक, उप महानिरीक्षक, एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपदों को भारी संख्या में कैदियों को रिमाण्ड एवं ट्रायल के उद्देश्य से पुलिस कर्मियों की अभिरक्षा में जेल से न्यायालय तक ले जाना होता है, जिसमें गार्डस एवं स्कोर्ट्स रूल्स के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाना पडता है, के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश जारी किये|

DGP ने कहा कि गार्ड एवं स्कोर्ट्स रूल्स के दृष्टिगत पर्याप्त संख्या में पुलिस बल लगाते हुए उनकी ब्रीफिंग की जाए एवं पर्यवेक्षणीय अधिकारियों के माध्यम से इनकी सतर्कता चेक की जाए। वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से रिमाण्ड की व्यवस्था की गयी है। इस सम्बन्ध में रजिस्ट्रार जनरल उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने सभी जनपद न्यायाधीशों को परिपत्र निर्गत किया है, जिसमें शत प्रतिशत वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से रिमाण्ड/ट्रायल/विचारण कराये जाने का उल्लेख है।

अतः अपने जनपद के जिलाधिकारी, जेल अधीक्षक एवं जनपद न्यायाधीश से समन्वय स्थापित कर वीडियो कांफ्रेसिंग व्यवस्था शत प्रतिशत लागू कराकर रिमाण्ड निस्तारण कराने की कार्यवाही की जाए। गम्भीर अपराधों में लिप्त एवं कुख्यात अपराधी जिनका विचारण भी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया जाना लोक व्यवस्था एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित रहेगा।