नई दिल्ली: शेयर बाजार गुरुवार को भारी गिरावट के साथ बंद हुआ. सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए राहत पैकेज के ऐलान में अस्पष्टता से निवेशकों की निराशा बाजार पर भारी पड़ गई. कारोबार के अंत में चौतरफा बिकवाली की वजह से शेयर बाजार 6 महीने के निचले स्तर पर बंद हुआ. सेंसेक्स 587.44 प्वाइंट्स टूटकर 36,472.93 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 181 प्वाइंट्स फिसलकर 10,734 के स्तर पर क्लोज हुआ. निफ्टी का 26 फरवरी और सेंसेक्स का 5 मार्च के बाद यह सबसे निचला स्तर है. बाजार में भारी गिरावट से एक दिन में निवेशकों के 2.20 लाख करोड़ रुपये डूब गए.

गुरुवार को शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों को तगड़ा झटका लगा. एक दिन में निवेशकों के 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा डूब गए. बुधवार को बीएसई में लिस्टेड कुल कंपनियों का मार्केट कैप 1,38,84,069.39 करोड़ रुपये था. वहीं गुरुवार को सेंसेक्स में बड़ी गिरावट से मार्केट कैप 2,20,836.62 करोड़ रुपये घटकर 1,36,66,251.05 करोड़ रुपये हो गया.

आईटी शेयरों को छोड़कर आज बाजार में सभी सेक्टर में बिकवाली देखने को मिली. निफ्टी पर सबसे ज्यादा बिकवाली मेटल शेयरों में रही है. मेटल इंडेक्स करीब 3.64 फीसदी टूट गया है. बैंक निफ्टी 2.38 फीसदी यानी 670.05 अंक टूटकर 27,049 के स्तर पर बंद हुआ. पीएसयू बैंक इंडेक्स 3.5 फीसदी और

प्रॉपर्टी डेवलपर कंपनी DLF के शेयर गुरुवार को 19.4 फीसदी गिरकर 138.30 रुपये पर आ गए. यह कंपनी के शेयरों का 31 महीनों का सबसे निचला स्तर है. सुप्रीम कोर्ट ने DLF के खिलाफ एक याचिका की सुनवाई के दौरान कंपनी को नोटिस जारी किया है. कंपनी पर आरोप है कि इसने अपने शेयरहोल्डर्स की अहम जानकारियों को छिपा कर रखा. यह नोटिस हरियाणा में कंपनी के सबसे बड़े लैंडबैंक को लेकर है.

निजी सेक्टर के लेंडर यस बैंक के शेयरों में गिरावट का जो सिलसिला इस साल शुरू हुआ था, वह अब तक जारी है. गुरुवार को यस बैंक का शेयर करीब 713.91फीसदी टूटकर 56.30 रुपये के भाव पर आ गया जो करीब 5.5 साल का सबसे निचला स्तर है. इसके पहले मार्च 2014 में शेयर ने यह स्तर देखा था. यस बैंक के शेयर ने 20 अगस्त 2018 को अपना ऑलटाइम हाई बनाया और शेयर 404 रुपये के भाव पर पहुंच गया. लेकिन 20 अगस्त के बाद से अब तक शेयर में लगातार गिरावट आई है. 22 अगस्त 2019 को शेयर 56.30 रुपये के भाव पर आ गया. यानी रिकॉर्ड हाई से करीब 86 फीसदी गिरावट आ गई.