नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से मोदी सरकार हालात सामान्य करने में जुटी हुई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल कश्मीर में लोगों के बीच घूम रहे हैं और उनसे बातचीत कर रहे हैं। वहीं स्थानीय जनता अच्छे से बकरीद मना सके, इसलिए भी सरकार ने कई इंतजाम किए हैं।

सरकार और प्रशासनिक अमले का कहना है कि जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य हैं और हिंसा की छिटपुट घटनाएं ही हुई हैं। वहीं विदेशी मीडिया का इस मामले पर कुछ और ही कहना है। बीबीसी के बाद अब द न्यूयॉर्क टाइम्स ने भी जम्मू कश्मीर के हालात पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें जम्मू कश्मीर में हिंसा होने का दावा किया गया है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर पथराव के बाद ईंटों से भरी एक गली की तस्वीर प्रकाशित की गई है। वहीं, अखबार की वेबसाइट पर Inside Kashmir, Cut off From the World: ‘A Living Hell’ of Anger and Fear शीर्षक से एक रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि शनिवार को कश्मीर में घाटी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं। इस दौरान भारतीय सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों को बीच हिंसक झड़प की भी खबर है। रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार को भी हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतरे थे और उनकी सुरक्षाबलों के साथ झड़प भी हुई थी। इस दौरान 7 लोग घायल हुए।

रिपोर्ट के अनुसार, कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, दर्जनभर युवा गायब हैं और माना जा रहा है कि वह आतंकी गुटों के साथ शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले बीबीसी ने भी अपनी एक रिपोर्ट में जम्मू कश्मीर में हिंसा होने का दावा किया था। अपने इस दावे के साथ ही बीबीसी ने एक वीडियो भी शेयर किया था। जिसमें बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान हिंसक झड़प हुई और सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने बीते दिनों जम्मू कश्मीर को विशेष प्रावधान देने वाले आर्टिकल 370 के सभी प्रावधान हटाने का फैसला किया था। इस दौरान सरकार ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को घाटी में तैनात किया हुआ है। कई इलाकों में धारा 144 तो कई में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। इंटरनेट कनेक्शन और फोन लाइन भी बंद है। वहीं घाटी के अधिकतर बड़े नेता नजरबंद हैं।

वहीं घाटी से आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और उसने इसके विरोध में भारत के साथ कूटनीतिक संबंधों के स्तर को घटा दिया है और भारत के राजदूत को वापस भी भेज दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने समझौता एक्सप्रेस, थार एक्सप्रेस और भारत के साथ किसी भी तरह के व्यापार पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर दुनियाभर से समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि अभी तक उसे इसमें कुछ खास सफलता नहीं मिली है।