नई दिल्ली: भारत प्रशासित कश्मीर के साथ-साथ जम्मू के भी पुंछ, राजौरी, डोडा और किश्तवाड़ इलाकों में लगातार छठे दिन सरकार की ओर से धारा 144 लागू है.
सरकार भले ही कह रही है कि तमाम पाबंदियां सिर्फ धारा 144 के तहत लगाई गई हैं, लेकिन इन सभी जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात बने हुए हैं.

सरकार ने यह भी कहा था कि ईद को देखते हुए कई जगहों पर पाबंदियों में छूट दी जाएगी लेकिन जिन इलाकों में अक्सर विरोध प्रदर्शन होते रहते हैं वहां अभी भी सख्त नाकेबंदी जारी है.

बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार श्रीनगर के सौरा इलाके में विरोध प्रदर्शनहुआ . सरकार की ओर से इसे एक छोटा-मोटा प्रदर्शन कहा गया. लेकिन जुमे की नमाज़ के बाद वहां पर भारी तादाद में लोग मौजूद थे.

सौरा के सबसे बड़े अस्पताल शेर-इ-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज से सड़क ईदगाह की तरफ जाती है. उस रास्ते पर करीब आधे घंटे में ही हज़ारों की तादाद में लोग इकट्ठा हो गए थे. ये सभी लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. शुरुआत में तो सुरक्षाबलों ने इन लोगों को जाने दिया लेकिन कुछ देर बाद सुरक्षाबलों की ओर से फ़ायरिंग की गई.

पहले पुलिस ने हवा में फ़ायरिंग की लेकिन उसके बाद उन्होंने पैलेट गन का भी इस्तेमाल किया. इससे वहां पर भगदड़ की स्थिति बन गई, लोग खुद को बचाने के लिए यहां वहां भागने लगे. सौरा इंस्टीट्यूट में आठ घायलों को लाया गया, जिसमें दो महिलाएं भी शामिल थीं. एक नौजवान के पैर में गोली लगी हुई थी और बाकी लोगों को पैलेट लगे हुए थे.

ईद की रौनक कहीं भी देखने को नहीं मिल रही है. किसी तरह की खरीददारी नहीं हो रही. लोग देख रहे हैं कि जिस सड़क या इलाके में थोड़ी बहुत छूट दी जाती है, वो उस सड़क पर निकल पड़ते हैं. शोपियां, पुलवामा जैसे इलाके तो बिलकुल बंद पड़े हैं. यहां सबसे ज़्यादा विरोध प्रदर्शन होते हैं.

ईद की तैयारी के बारे में पूछने पर लोग चौंककर उलटा सवाल करते हैं कि 'ईद कब है?' इससे महसूस किया जा सकता है कि भारत सरकार के फैसले से यहां पर लोगों में कितनी नाराज़गी है.