नई दिल्ली: डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने भारतीय टीम के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ पर आठ महीने के लिए बैन लगा दिया था। बीसीसीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि शॉ ने मुश्ताक अली ट्रॉफी के दौरान कफ सिरप लिया था, जिसमें टारब्यूटालाइन था। ये पदार्थ खिलाड़ियों के लिए प्रतिबंधित है। शॉ पर इसके चलते 16 मार्च से 16 नवंबर तक का बैन लगा दिया गया था।

अब चौंकाने वाली ये सामने आई है कि प्रतिबंध के बावजूद पृथ्वी शॉ को मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने सीजन ट्रेनिंग कैंप के लिए चुना है। शॉ का नाम 9 अगस्त से 37 सदस्यों वाली सीनियर्स प्लेयर्स की लिस्ट में शुमार है।

सूत्र के अनुसार "चयनकर्ताओं ने ऑफ सीजन कैंप के लिए 16 जून को खिलाड़ियों का चयन किया था। ऑफ सीजन कैंप एससीए के बीकेसी इंडोर एकेडमी में 2-3 हफ्ते पहले ही शुरू हो चुका था। ये हैरानी की बात है कि लिस्ट में शॉ का नाम अभ तक शुमार है।"

भले ही बीसीसीआई ने अपनी रिपोर्ट में पृथ्वी शॉ द्वारा कफ सिरप लेने की बात कही हो, लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, मुंबई के पूर्व कोच विनायक सामंत और फिजियोथेरेपिस्ट दीप तोमर, जो इस पूरे टूर्नामेंट के दौरान शॉ और बाकी टीम के साथ थे, ने खुलासा किया है कि इस युवा बल्लेबाज ने कभी 'खांसी' या 'जुकाम' की शिकायत नहीं की थी।