नई दिल्ली: कैफे कॉफी डे (सीसीडी) के संस्थापक और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ की लाश मिली है. सिद्धार्थ सोमवार शाम से लापता थे. उनका शव उल्लाल के निकट नदी किनारे आ गया था, जहां स्थानीय मछुआरों ने उसे निकाला.

मेंगलुरु के विधायक यूटी खादर ने बताया कि मित्रों और संबंधियों ने इस बात की पुष्टि की है कि शव सिद्धार्थ का ही है. इससे पहले पुलिस ने कहा था कि शव सिद्धार्थ का प्रतीत होता है और अभी उनके परिवार से इसकी पुष्टि नहीं की गई हैं.

मेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर संदीप पाटिल ने बताया, 'हम आज सुबह लाश मिली. इसकी पहचान के लिए हमने परिवार के सदस्यों को सूचित कर दिया है. अभी शव को वेनलॉक हॉस्पिटल ले जा रहे हैं.'

पुलिस के मुताबिक, सिद्धार्थ सोमवार दोपहर बेंगलुरू से हासन जिले में सक्लेशपुर के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उन्होंने बीच रास्ते में अपने ड्राइवर को मेंगलुरू की तरफ चलने को कहा. वह आखिरी बार सोमवार रात दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी पर पुल के पास दिखे थे.

पुलिस ने बताया कि उन्होंने अपने ड्राइवर से कहा था कि वह पुल के पास टहलने जा रहे हैं. जब वह नहीं लौटे तो ड्राइवर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. वहीं सिद्धार्थ के ड्राइवर बसवराज पाटिल के मुताबिक,'सिद्धार्थ नेत्रावती नदी के पुल पर यह कहकर कार से उतर गए थे कि वह थोड़ी देर टहलना चाहते हैं. उसे पुल के दूसरे छोर पर इंतजार करने के लिए बोलकर चले गए, लेकिन एक घंटे बाद भी नहीं लौटे. तब उसने पुलिस में शिकायत की.'

हालांकि बेंगलुरू में आयकर विभाग ने कहा कि सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे पत्र की सत्यता को प्रमाणित नहीं किया जा सकता, क्योंकि सिद्धार्थ का हस्ताक्षर 'उससे मेल नहीं खाता' जो कंपनी के वार्षिक रिपोर्ट के रूप में विभाग के पास उपलब्ध है. विभाग के सूत्रों ने नयी दिल्ली में सिद्धार्थ के खिलाफ अपनी जांच के दौरान प्रताड़ित करने के आरोपों से मंगलवार को इनकार किया.

सूत्रों ने कहा कि विभाग की ओर से शेयरों की अस्थायी जब्ती की कार्रवाई कर अपवंचन के मामलों में 'राजस्व हितों' के संरक्षण के लिए की गई थी और वह तलाशी या उन छापों के दौरान जुटाये गए विश्वसनीय साक्ष्यों पर आधारित थी जो कि बेंगलुरू स्थित समूह के खिलाफ 2017 में की गई थी. उन्होंने कहा कि उद्योगपति ने अपने और अपने प्रतिष्ठानों पर छापों के बाद कुछ आय छिपाकर रखना स्वीकार किया था।